इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शशिकांत ने की अनूठी पहल

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शशिकांत ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को तीन निर्णय हिंदी भाषा में दिए। आमतौर पर हाईकोर्ट में अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग होता रहा है। ऐसे में हिंदी में निर्णय देने की पहल करके जस्टिस शशिकांत ने अनूठा कदम उठाया है।

अपने चेंबर में पत्रकारों से बातचीत में न्यायमूर्ति शशिकांत ने बताया कि हिंदी में निर्णय देने का विचार उनके मन में काफी समय से चल रहा था। हाईकोर्ट में हिंदी के स्टेनो कम होने के कारण भी दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि न्यायालय की भाषा आम लोगों की भाषा होनी चाहिए ताकि अंग्रेजी न जानने वाला व्यक्ति भी अदालत के फैसलों को पढ़ व समझ सके। न्यायमूर्ति शशिकांत ने 482 सीआरपीसी के तहत दाखिल मेसर्स नामदेव संस व अन्य को स्वीकार करते हुए याची संस्था के विरुद्ध पारित अवर न्यायालय के आदेश को रद कर दिया। इसके अलावा दो जमानत प्रार्थना पत्रों पर भी उन्होंने हिंदी में निर्णय दिया है।