हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा सचिव एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को पैनल अधिवक्ताओं केक्ति संबंधी समस्त शासनादेश व परिपत्रों को दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने परिषद के सचिव संजय सिन्हा को अगली सुनवाई की तारीख 24 अक्टूबर को हाजिर रहने को कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या परिषद के पैनल वकीलों को मनमाने तौर पर हटाने व रखने का सचिव को अधिकार है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि किस अधिकार के तहत कुछ पैनल अधिवक्ताओं को 15 हजार प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जा रहा है।

नियुक्ति का दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा जस्टिस नाहिद आरा मूनिस की खण्डपीठ ने घनश्याम मौर्या की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने 15 सितम्बर,16 को दोनों सचिवों से पैनल अधिवक्ता नियुक्त करने की प्रक्रिया की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा था। इस आदेश का पालन न करने पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने परिषद के अधिवक्ता शैलेन्द्र से पूछा कि कोर्ट में पेश दस्तावेज के अलावा और दस्तावेज हैं या नहीं। इसके लिए उन्होंने समय मांगा। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुभाष राठी ने इलाहाबाद व लखनऊ के जिलाधिकारियों का हलफनामा दाखिल किया जिसमें कहा गया है कि पैनल नियुक्ति के दस्तावेज निदेशक के पास नहीं है। परिषद के सचिव के पास ही हैं। इलाहाबाद के जिलाधिकारी के हलफनामे में बताया गया कि परिषद में उपलब्ध कराए गए रिकार्ड सील कर कोर्ट में पेश किया गया है। कुछ पैनल वकीलों को ही 15 हजार प्रतिमाह देने पर भी कोर्ट ने शासनादेश की जानकारी मांगी। पैनल गठित करने की पहले कोई प्रक्रिया नहीं थी।