अतिक्रमण हटाने व ट्रैफिक मैनेजमेंट पर डीएम का हलफनामा हाई कोर्ट ने किया खारिज

-नये सिरे से कार्यवाही रिपोर्ट के साथ डीएम, एसएसपी से हलफनामा तलब

अतिक्रमण एक तरफ से हटाते हुए टीम आगे बढ़ती है और पीछे से यह फिर से शुरू हो जाता है। इससे तमाम कोशिशों के बाद भी शहर के पॉश एरिया की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। इस तरह की कार्रवाई को हाई कोर्ट ने कागजी माना और डीएम संजय कुमार की तरफ से सिविल लाइंस की मुख्य सड़क और सम्पर्क मार्गो को लेकर दाखिल हलफनामे को खारिज कर दिया। कोर्ट ने डीएम और एसएसपी से नये सिरे से जोनवार ट्रैफिक मैनेजमेंट और अतिक्रमण का डिटेल हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्कूली बच्चों की छुट्टी के समय जाम की समस्या से निजात पाने के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती का भी आदेश दिया और कहा कि एसएसपी सुनिश्चित करें और कार्यवाही रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करें। याचिका की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

दो जजों की बेंच कर रही सुनवाई

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने एक जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे के साथ फोटोग्राफ भी दाखिल किया जाए। कोर्ट ने अधिवक्ताओं से भी कहा है कि जाम व अतिक्रमण की फोटोग्राफ कोर्ट को दें ताकि कोर्ट प्रशासन की कागजी कार्यवाही का हिसाब ले सके। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।

हलफनामे में बताया

अवैध रूप से पार्क वाहनों का चालान किया गया है

अतिक्रमण कर रखी दुकानों को हटाया गया है

ट्रैफिक पुलिस की भीड़ भरे इलाकों में तैनाती की गयी है

कोर्ट ने कहा कि 14 जुलाई को अतिक्रमण हटाने व अवैध पार्किंग रोकने सहित यातायात संचालन दुरस्त करने का आदेश दिया था

लम्बी चुप्पी के बाद सुनवाई के एक दिन पहले एक गुमटी हटा दी गयी और हलफनामे में यह नहीं कहा गया कि मुख्य व संपर्क मार्ग अतिक्रमणमुक्त हो चुके हैं

कोर्ट ने शहर के 6 जोन में जोनवार कार्यवाही का आदेश दिया है

कोर्ट ने कहा कि स्कूली बच्चों के रिक्शा या वाहन निर्वाध रूप से संचालित हों। पीक आवर में व्यवस्था में चुस्ती लायी जाए