हाई कोर्ट पहुंचा एफसीआई में संविदा श्रमिकों की नियुक्ति का मामला, मूल पत्रावली तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय खाद्य निगम मजदूर संघ की याचिका पर केन्द्र सरकार को नियमित कर्मियों का वेतनमान घटाकर संविदा लेबर रखने की मूल पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया है और पूछा है कि ऐसी क्या जरूरत थी कि वेतन घटाकर संविदाकर्मी रखने पड़े। क्या इस कटौती से उद्देश्य की पूर्ति हो सकी। कोर्ट ने 23 मई को हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

जरूरत के अनुसार नहीं है नियुक्ति

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन व रेखा दीक्षित की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका में मजदूर यूनियन ने 6 जुलाई 16 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। याची का कहना है कि संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की आवश्यकता नहीं है। केन्द्र सरकार ने धारा 31 के तहत संविदा श्रमिक रखने की छूट दी जिस पर कांट्रैक्टर को लाइसेंस दिया गया। कोर्ट ने कहा कि धारा 31 का प्रयोग इमरजेंसी आने पर किया जाता है। एफसीआई की क्या इमरजेंसी थी जिसके चलते संविदा लेबर रखना पड़ा। वह भी नियमित कर्मियों के वेतन बैण्ड में कमी कर। यह विवाद 1989 से 2011 के बीच का है। कोर्ट ने कहा आपात स्थिति में 2 साल के लिए संविदा लेबर रखने की छूट है। इसलिए मूल पत्रावली पेश किया जाय।