अनुशासन समिति के समक्ष सफाई देने का मौका

हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के छात्र नेता नीरज प्रताप सिंह को ब्लैक लिस्ट करने के कुलपति के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने छात्र को अपना पक्ष रखने का एक और अवसर देते हुए कहा कि छात्र अनुशासन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखे। मगर उसे किसी भी अधिकारी से जिरह करने का छूट नहीं होगी। इस दौरान छात्र के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर लगी रोक पूर्ववत जारी रहेगी। नीरज प्रताप सिंह की याचिका पर जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने सुनवाई।

पांच छात्रों को किया गया था डिबार

याची और पांच अन्य छात्रों को विश्वविद्यालय में अनुशासनहीनता और बवाल करने के आरोप में प्राक्टर ने 13 जुलाई 17 को इन सभी को डीबार कर दिया था। कुलपति ने प्राक्टर के आदेश की पुष्टि कर दी। इस आदेश को विक्रांत सिंह व अन्य ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई 2017 को प्रॉक्टर और कुलपति के आदेश को रद कर दिया तथा आरोपी छात्रों को आरोप पत्र देकर उनको सुनवाई का अवसर देते हुए नए सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश पर जांच समिति ने सुनवाई के बाद नीरज प्रताप सिंह को दोषी पाते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया। इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि वो अपना पक्ष रखने का उचित अवसर नहीं मिला तथा निर्णय लेने में हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने छात्र को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश पर रोक लगाते हुए उसे सुनवाई का एक और अवसर देने का निर्देश दिया है।