अतिक्रमण व अवैध निर्माण से खफा हाई कोर्ट ने की टिप्पणी

DM व ADA VC से कार्यवाही रोडमैप के साथ रिपोर्ट तलब

करोड़ों रुपए खर्च करके सिविल लाइंस को बेहतर बना दिया लेकिन जाम की समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। अधिकारी अतिक्रमण शुरू होता है तब शांत रहते हैं और उसके समस्या बन जाने के बाद कार्रवाई शुरू करते हैं। यह टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को अतिक्रमण और अवैध निर्माण से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने डीएम और एडीए वीसी को कार्यवाही रिपोर्ट के साथ 24 मई को तलब किया है।

कार्ययोजना बनाकर हटाएं अतिक्रमण

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शहर में अवैध निर्माण व अतिक्रमण हटाने की समयबद्ध कार्ययोजना बनाने का निर्देश दोनों अफसरों को दिया है। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से 24 मई को कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सिविल लाइंस में करोड़ो रुपये सुंदरीकरण में खर्च करने के बावजूद जाम की समस्या पर भी नाराजगी व्यक्त की तथा पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करने का आदेश दिया। कोर्ट में डीएम संजय कुमार व उपाध्यक्ष डीके पांडेय हाजिर थे। न्यू संगम होटल की मालिक श्रीमती पूर्णिमा मिश्रा की याचिका की सुनवाई जस्टिस अरुण टंडन तथा रेखा दीक्षित की खंडपीठ कर रही है। होटल दिये गये पट्टे की शर्तो के विपरीत बनाने पर नोटिस के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी है।

मांग ली पूरे शहर में अवैध निर्माण की सूची

कोर्ट ने डीएम व उपाध्यक्ष से पूरे शहर के अतिक्रमण व अवैध निर्माण की सूची तैयार कर कार्यवाही का आदेश देते हुए योजना के साथ तलब किया था। कोर्ट ने अतिक्रमण व अवैध निर्माण पर कार्यवाही न करने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अधिकारी अतिक्रमण होने देते हैं और बाद में समस्या उत्पन्न होने पर कार्यवाही करते हैं। याचिका की सुनवाई 24 मई को होगी। कोर्ट ने विचाराधीन जनहित याचिका को भी पेश करने को कहा है।