सरकार ने हाई कोर्ट में बताया वर्कप्लेस पर यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई के लिए गठित की गई कमेटी

शिक्षा विभाग में कामकाजी महिलाओं के साथ अगर उत्पीड़न होता है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है। पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार यादव पर लगे आरोपों की जांच के लिए भी कमेटी गठित कर दी गई है। इस आशय का हलफनामा सोमवार को प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार हाईकोर्ट में दाखिल किया।

चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। प्रमुख सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया कि कार्य स्थल पर लैंगिंक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) एक्ट, 2013 में निहित प्रावधानों के अतर्गत शिक्षा विभाग में एक आंतरिक शिकायत समिति गठित की गयी है। पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक को निलंबित कर उन्हें कुशीनगर में सम्बद्ध कर दिया गया है। कोर्ट ने इस कार्रवाई को पर्याप्त माना और याचिका को निस्तारित कर दिया। मालूम हो कि पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार यादव के खिलाफ कुछ टीचरों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई न करने पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को तलब कर लिया था।