शुआट्स के प्रॉक्टर ने याचिका वापस लेने की मांग, सुनवाई 13 अप्रैल को

कोर्ट ने एसी से विवेचना प्रगति पर मांगा हलफनामा

शुआट्स हमले को लेकर सुरक्षा की मांग में प्राक्टर रामकिशन सिंह द्वारा याचिका वापस लेने की दाखिल अर्जी से मामले में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले यथाशीघ्र निर्णीत करने को कहा है। साथ ही टिप्पणी की है कि एक के बाद दूसरा अपराध करने वालों की जमानत निरस्त होनी चाहिए। यदि याचिका वापस की जाती है तो कोर्ट इस गम्भीर मुद्दे को लेकर जनहित याचिका कायम कर इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी करेगी। हमले के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद की तरफ से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया और केस की मानीटरिंग से हो रही परेशानी पर आपत्ति की गयी।

अतीक के खिलाफ हैं 83 मामले

राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल की गयी है। सभी 11 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं। शस्त्र की बरामदगी के बाद बैलेस्टिक रिपोर्ट मांगी गयी है। अभी भी विवेचना जारी है। याचिका की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दी गयी जानकारी एसपी रैंक के अधिकारी के हलफनामे के साथ दाखिल की जाय। कोर्ट ने 13 अप्रैल को सुनवाई की अगली तिथि तय करते हुए कहा है कि याचिका वापसी की अर्जी पर आदेश पारित किया जायेगा और यदि याचिका निस्तारित होती है तो कोर्ट इस गंभीर मामले को लेकर जनहित याचिका कायम कर व्यापक दिशा निर्देश जारी करेगी। अतीक अहमद के खिलाफ 83 आपराधिक मामले हैं। इसमे से 4 हत्या के हैं। सभी मामलों में जमानत मिली है। कोर्ट का कहना है कि दर्जनों अपराधों में लिप्त आरोपी की जमानत पर रिहायी सवाल खड़े करती है। इसी प्रकार पूर्व विधायक देवेन्द्र अग्रवाल के मामले की भी सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। चिराग उपाध्याय पर हमले में एक की मौत में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी व समर्पण के बाद जेल भेजा जा चुका है। मृतक के पिता रामहरि शर्मा ने याचिका दाखिल की है।