बाहुबली पूर्व सांसद को कोर्ट ने दिया एक और झटका

हाईकोर्ट ने पूर्व 2005 के विधायक राजूपाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद की जमानत निरस्त कर दी है। अतीक अहमद को 12 अप्रैल 2005 को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। उनकी जमानत निरस्त कराने के लिए मरहूम राजूपाल की पत्‍‌नी और पूर्व विधायक पूजा पाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अर्जी पर जस्टिस विपिन सिन्हा ने सुनवाई की। जमानत निरस्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि अतीक अहमद को जमानत देते समय उनके लंब आपराधिक इतिहास और सुप्रीमकोर्ट द्वारा तय न्यायिक पैरामीटर को ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने जमानत की शर्तो का उल्लंघन किया है। लिहाजा जमानत निरस्त किए जाने योग्य है।

गवाहों को धमकाने का आरोप

पूजा पाल ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि राजूपाल हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अतीक अहमद घटना के गवाहों को डरा धमका रहे हैं। जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने गवाहों का अपहरण करवा लिया औा उनको गवाहीं नहीं देने के लिए डराया धमकाया। 2007 में उन पर गवाहों के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके जेल से बाहर रहते हुए इस मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। अतीक अहमद की ओर से बचाव में कहा गया कि उनको राजनीतिक विद्वेष के कारण फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त ने जमानत पर रहते हुए इसकी शर्तो का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने आदेश की प्रति डीजीपी, आईजी जेल और संबंधित जेल को भेजने का आदेश दिया है।