अवैध खनन में याचियों के अधिवक्ता ने लगाया आरोप

इलाहाबाद हाईकोर्ट गंभीर, आज होगी प्रकरण की सुनवाई

अवैध खनन मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सही तथ्य नहीं बताए। यह आरोप याचियों के अधिवक्ता ने इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान लगाया और कहा कि विशेष अनुमति याचिका में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट ने प्रगति रिपोर्ट को देखे बिना ही सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही की छूट दी है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और बुधवार को सुनवाई करेगी।

मांगी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति

चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर ने कहा कि राज्य सरकार ने सही तथ्य सुप्रीम कोर्ट में नहीं रखे। सच्चाई यह है कि कोर्ट में सीबीआइ रिपोर्ट देखने के बाद आदेश पारित किया गया है। कोर्ट ने एसएलपी एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी मांगी है और कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य पेश कर अंतरिम आदेश लिया गया है तो कोर्ट इस पर विचार करेगी।

हाई कोर्ट लगा चुका है रोक

मालूम हो कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश में अवैध खनन रोकने का आदेश दिया था। इसके बाद दर्जनों याचिकाएं अवैध खनन जारी रहने की शिकायत को लेकर दाखिल की गई। याचियों का कहना था कि अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन जारी है। राज्य सरकार ने कहा कि हर जिले में अवैध खनन रोकने के लिए निगरानी टीम गठित की गई है। अवैध खनन नहीं हो रहा है तथा अवैध बालू ले जा रहे ट्रकों को जब्त कर कार्यवाही की गई है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई जांच का आदेश देकर रिपोर्ट मांगी थी।