बाधा हटी: राज्य सरकार की खनन नीति को हरी झंडी, कोर्ट ने हटाई रोक

6 माह के लिए जारी होगी खनन परमिट

5 साल के लिए दिया जाएगा खनन पट्टा

खनन पर रोक के चलते बालू के जबरदस्त संकट से जूझ रहे व्यापारियों को राहत मिलने वाली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की खनन नीति को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर गुलाब चंद्र व दर्जनों विचाराधीन याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है।

ई टेंडरिंग से आवंटित होंगे पट्टे

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने दिया है। महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार प्रत्येक जिले में खनन विभाग के अधिकारियों की कमेटी गठित करेगी। कमेटी खनन एरिया एवं खनिज मात्रा का निर्धारण कर रायल्टी जमा करने के बाद ई-टेण्डरिंग से 6 माह के लिए खनन परमिट जारी करेगी। 22 अप्रैल 2017 के शासनादेश से कहा गया है कि खनन परमिट देने में नियम 9ए के तहत किसी को वरीयता नहीं दी जाएगी। 15 जून के बाद राज्य सरकार पर्यावरण अनापत्ति लेकर पांच साल के लिए ई। टेण्डरिंग से खनन पट्टा देगी। इस पट्टे का नवीनीकरण नहीं होगा। अवधि पूरी होने पर नए सिरे से खनन पट्टा दिया जाएगा। राज्य सरकार की नयी नीति के चलते खनन पर लगी रोक खत्म हो गई है। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए नियमावली में जरूरी संशोधन किए जा रहे हैं। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एमडी सिंह शेखर ने आशंका जाहिर की कि खनिल की मात्रा से अधिक का खनन नहीं होगा। इसकी निगरानी कौन करेगा तथा यह आम आदमी की पहुंच से दूर होगा। महाधिवक्ता ने कहा कि तय क्षेत्र व नियत मात्रा से अधिक खनन की अनुमति नहीं होगी। इससे राजस्व में वृद्धि के साथ चोरी पर अंकुश लगेगा।

नयी नीति की खास बातें

प्रत्येक जिलाधिकारी शार्ट टर्म परमिट के लिए आवेदन स्वीकार करेंगे

यह प्रक्रिया 15 मई 17 तक पूरी हो जाएगी

मानसून में एक जुलाई से 30 सितम्बर 17 तक किसी प्रकार का खनन नहीं होगा

6 माह बाद परमिट जारी नहीं होगा