पुलिस भर्ती बोर्ड और उत्तर प्रदेश सरकार से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

दारोगा भर्ती 2015 के लिए जारी संशोधित विज्ञापन में आयु सीमा नहीं घटाने से क्षुब्ध सैकड़ों अभ्यर्थियों ने विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि भर्तियां हाईकोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेंगी। दीपक शुक्ला और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जस्टिस अभिनव उपाध्याय ने दिया।

2015 में आया था विज्ञापन

याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि उप निरीक्षक भर्ती के लिए 18 सितंबर 2015 को विज्ञापन जारी किया गया था। इसे न्यूनतम शैक्षिक अर्हता के आधार पर चुनौती दी गई। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 17 जून 2016 को नया विज्ञापन जारी किया जिसमें अधिकतम आयु की कट ऑफ डेट एक जुलाई 2015 रखी गई। इससे तमाम अभ्यर्थी ओवरएज (उम्र सीमा पार)हो गए। इसे निर्भय शुक्ला व अन्य केस में चुनौती दी गई। एकलपीठ ने याचीगण को भर्ती प्रक्रिया में शामिल तो करने लेकिन परिणाम जारी न करने का आदेश दिया। सरकार ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी थी। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को रद करते हुए वापस भेज दिया। इस बीच पुलिस भर्ती बोर्ड ने 17 जुलाई से 31 जुलाई तक ऑनलाइन परीक्षा घोषित कर दी। इसको दीपक शुक्ला व अन्य के केस में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने परीक्षा जारी रखने के लिए कहा है मगर इसका परिणाम याचिका पर होने वाले निर्णय पर निर्भर करेगा।