16 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी

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आवेदन पत्र भरने के ठीक एक दिन पहले फाइनल रिजल्ट घोषित हो जाने के चलते भर्ती की दौड़ में शामिल हुए बीटीसी 2013 के अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी करारा झटका मिला है। बेसिक शिक्षा परिषद के फैसले पर हाई कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में राज्य सरकार की ओर से जारी शासनादेश में कोई विसंगति नहीं है। शासन ने इस भर्ती के संबंध में निर्देश जारी किया था कि 16 जून, 2016 तक अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षिक/प्रशिक्षण अर्हता पूरी होनी चाहिए।

जून से शुरू हुआ था आवेदन

बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 16448 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी। 16 जून को इसका नोटीफिकेशन जारी करके समय ही जिक्र कर दिया गया था कि इसमें वही शामिल हो सकेंगे जिन्होंने कोर्स विज्ञापन जारी होने की तिथि तक पूरा कर लिया है। इसके बाद भी फॉर्म भरने की अंतिम तिथि से पहले ही बीटीसी 2013 का फाइनल रिजल्ट घोषित हो गया तो इसमें सफल अभ्यर्थियों ने भी आवेदन कर दिया। उन्होंने हाइकोर्ट की शरण लेकर भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की गुहार लगाई थी। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी थी। सोमवार को दिए गए फैसले में कोर्ट ने इन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया।

बीएसए ही जारी कर सकते हैं आदेश

कोर्ट में मनीष कुमार सिंह व अन्य की ओर से इस शासनादेश को चुनौती दी गई थी, जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने गत 18 जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को कोर्ट ने इस फैसले को सार्वजनिक करते हुए स्पष्ट किया कि शासन को इस बारे में निर्देश जारी करने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट में याचियों ने कहा था कि चूंकि 16448 भर्ती में नियुक्ति अधिकारी बीएसए है, इसलिए शासन को इस प्रकार का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। ऐसा आदेश सिर्फ बीएसए ही जारी कर सकता है।