-हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, अगली सुनवाई अगले साल 21 मार्च को

-जांच कमेटी 17 फरवरी 2017 तक सौंपेगी रिपोर्ट

PATNA: दो वर्षीय बीएड कोर्स कराने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों की जांच कराने का रास्ता साफ हो गया है। पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के प्रतिनिधित्व में एक यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अथवा वरीय प्रोफेसर, डीएम अथवा एडिशनल डीएम रैंक के अधिकारी होंगे। मुख्य सचिव ने बीएड कॉलेजों की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से जून में चार जिलों शिवहर, अरवल, शेखपुरा और किशनगंज को छोड़कर डीएम एवं एसपी स्तर के अधिकारियों को बीएड कॉलेजों की जांच कराने का आदेश दिया था। जिसका कई निजी ट्रेनिंग कॉलेजों के संचालकों ने विरोध किया था। संस्थानों की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार को शैक्षणिक कॉलेजों की जांच कराने का अधिकार नहीं है। मामले पर जून से सुनवाई चल रही है।

बिहार में ख्म्क् निजी बीएड कॉलेज

जस्टिस अजय त्रिपाठी ने गया के डॉ। बीआर अम्बेडकर कॉलेज ऑफ एजुकेशन और अन्य दो दर्जन शैक्षणिक संस्थानों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि देर से ही सही बिहार सरकार ने शैक्षणिक माहौल में सुधार लाने का प्रयास किया है। इसके लिए सही कार्रवाई होनी चाहिए। ज्ञात हो कि बिहार में सरकारी और यूनिवर्सिटी से संबंद्ध शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर ख्म्क् निजी बीएड कॉलेज हैं। जिसकी जांच के लिए हाईकोर्ट ने जांच कमेटी को क्7 फरवरी ख्0क्7 तक का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई अगले साल ख्क् मार्च को होगी।