आरुषि-हेमराज हत्याकांड में दम्पति ने CBI कोर्ट के फैसले को दी है चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज हत्या के दोषी करार डॉ। राजेश तलवार व नुपुर तलवार की अपील पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। गाजियाबाद की सीबीआइ कोर्ट ने दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसे अपील में चुनौती दी गई है। यह आदेश जस्टिस बीके नारायण तथा जस्टिस अरविन्द कुमार मिश्र की खंडपीठ ने महीनों चली बहस के बाद दिया है।

घर में ही हुई थी हत्या

मालूम हो कि डॉ। तलवार की पुत्री आरुषि की हत्या घर में हुई और नौकर हेमराज की लाश घर के छत पर पाई गई थी। कोर्ट ने हत्या की जांच सीबीआइ को सौंप दी। 15/16 मई 2008 की रात हुई हत्या के मामले में सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, किंतु कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को देखते हुए माता-पिता को ही हत्या का दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार व सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग खन्ना तथा राज्य सरकार के अधिवक्ता मुल्ला ने बहस की। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।