- बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों ने उठाए हाईटेक कदम
- अपने-अपने तरीके से इंतजाम करने में जुटे स्कूल
आई स्पेशल
पारुल सिंघल
मेरठ। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद देशभर के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। हादसे से सबक लेते हुए शहर के स्कूलों ने भी सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। सीबीएसई की गाइडलाइन के मद्देनजर स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम लगवाने के साथ-साथ और भी कई इंतजाम तय किए गए हैं।
सीबीएसई की सख्ती
सीबीएसई ने भी नियमों को रिवाइज कर सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने के लिए स्कूलों को निर्देश दिए हैं.लिहाजा कई स्कूल अपने यहां हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था लागू कर रहे हैं। हालांकि, जिसका वहन भी पेरेंट्स को करना होगा।
इन स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम
दिल्ली पब्लिक स्कूल
स्टूडेंट्स की हाईटेक सिक्योरिटी के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड जारी किया गया है। इस कार्ड के जरिए बच्चे के बस से उतरने और चढ़ने के समय पेरेंट्स के पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस आएगा।
दीवान पब्लिक स्कूल
दीवान पब्लिक स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए पैरेंट्स व टीचर्स के लिए अलर्ट जारी किया है।
मेरठ पब्लिक स्कूल
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए गार्ड और सीसीटीवी की व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वहीं पेरेंट्स और बस व ऑटो चालकों को पहचान पत्र जारी किए गए है।
मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल
बस में जीपीएस सुविधा लगवाई जाएगी। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। बाहरी लोगों की स्कूल में एंट्री रोक दी गई है।
राधा गोविंद पब्लिक स्कूल
बसों में सुरक्षा बढ़ा दी गई हैं। वाशरुम में नॉन टीचिंग स्टॉफ के जाने से रोक लगा दी गई है। टीचर्स को विशेष रूप से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
मिलेनियम पब्लिक स्कूल
ब्वायज और गर्ल्स के लिए सभी व्यवस्थाएं अलग-अलग हैं। वाशरूम जाने के लिए भी दो लड़कियां एक साथ जाएगी।
द आर्यंस स्कूल
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल स्टाफ को पूरी तरह से अलर्ट किया गया है। प्रिंसिपल के राउंड भी बढ़ाए गए हैं।
गार्गी गर्ल्स स्कूल
वाशरूम में बाहर से लॉक सिस्टम खत्म कर दिया गया है। प्रिंसिपल राउंड बढ़ा दिए गए हैं। वहीं सेफ जोन भी बनाया गया है।
वर्जन
बच्चों को सेफ्टी देने के नाम पर स्कूलों ने चार्ज करना शुरु कर दिया है। घूमा-फिरा कर खर्चा हमें ही वहन करना होगा।
गौरव शर्मा, अभिभावक
बच्चे स्कूलों में सुरक्षित नहीं हैं। अगर हमें अपने बच्चे की सुरक्षा चाहिए तो उसके लिए खर्च भी हमें ही देना होगा।
नीरज कौशिक, अभिभावक
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बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम करने हैं। टै्रकिंग सिस्टम के लिए काफी खर्च आता है। इतना खर्च स्कूल अकेले वहन नहीं कर सकते हैं।
राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष
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बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम अलर्ट हैं। साधन बढ़ते हैं तो कॉस्ट भी बढ़ती है। ज्यादा बच्चे होते हैं स्कूल के लिए इतना खर्च बियर करना मुश्किल है।
विनीता गुप्ता,प्रिंसिपल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल