ये सेंसर्स युवाओं को स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली के बारे में बताने के साथ ही उन्हें स्वास्थयवर्धक भोजन और कसरत के लिए जागरुक करेंगे. इसका प्रोजेक्ट का उद्देश्य तकनीकी के इस्तेमाल से हेल्थकेयर में बचाव के तरीकों को तैयार करना है. मोटापे के कारण हर साल दुनिया में करीब 28 लाख वयस्कों की मौत हो जाती है.

प्रोजेक्ट के सह-संयोजक प्रोफेसर एनासतासिस डेलोपोलस कहते हैं, ''विचार ये है कि मोटापे से बचाव और खाने की गड़बड़ियों को लेकर जांच की कोशिश की जाए.''

डेलोपोलस ग्रीस के थेसालोनिकी में एरिस्टोल यूनिवर्सिटी के इलैक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में काम करते हैं. इस सिस्टम का परीक्षण स्वीडन और नीदरलैंड के बच्चों पर किया गया है.

सेंसर क्या करेगा

सेंसर भोजन करने की गति को मापने के साथ ही यह भी देखेगा कि भोजन किस तरह चबाया जा रहा है. प्रोफेसर डेलोपोलस के अनुसार, "भोजन करने में लिया गया समय भी मोटापे के जोखिम पहलुओं में एक है. इसका मापन एक मेंडोमीटर के जरिए होगा, जिसे स्वीडन की फर्म एबी मांडो ने बनाया है, जो खाने की गड़बड़ियों की जांच से संबंधित क्लीनिक सेट तैयार करता है."

सेंसर को एक पैमाने के साथ बनाया गया है, जो एक पोर्टेबल कंप्यूटर या स्मार्टफोन से जुड़ा होगा. खाने की प्लेट इस पैमाने पर रखी जाएगी, ये प्लेट में कम होते खाने को रिकॉर्ड करेगा, खाने की गति तेज होने पर ये तुरंत चेतावनी देगा.

स्विस फर्म सीएसईएम दो अन्य सेंसर्स भी विकसित कर रहा है जिसका इस्तेमाल इस प्रोजेक्ट में किया जाएगा. एक्टीस्माइल नाम का सेंसर्स पहना जाने वाला सेंसर होगा, पर्याप्त कसरत करने के बाद यह शाबासी देते हुए मुस्कान का सिंबल बनाकर दिखाएगा.

 

साथ ही एक ध्वनि सेंसर भी डिजाइन किया जा रहा है, जो पहने जाने वाले माइक्रोफोन के रूप में होगा, ये भोजन चबाने के तरीके को रिकॉर्ड करेगा.

इस्तेमाल करने वाले इसमें अपने डाटा डाल सकते हैं, मसलन खाने के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं. रोज की गतिविधि दर्ज करने के लिए लॉगबुक भी साथ होगी.

सभी तरह के डाटा परिष्कृत होंगे. इनसे खाने में गड़बड़ी और मोटापे के जोखिम का मूल्यांकन होगा. बाद के ट्रायल स्टेज में युवाओं के खाने के जोखिम और व्यायाम में बदलाव की मदद के लिए सेंसर का इस्तेमाल होगा.

लक्ष्य

प्रोफेसर डेलोपोलस कहते हैं,'' हमारा लक्ष्य खाने के तरीकों को सुधारना और संबंधित व्यक्तिगत व्यवहार को बेहतर करना है.''

वह कहते हैं, '' एक मेडिकल एक्सपर्ट लक्ष्य तय करेगा, मसलन खाना धीमे खाएं या ज्यादा शारीरिक गतिविधियों करें. सेंसर ये भी देखेगा कि कोई शख्स कितना सफल हो रहा है.''

एक हेल्थकेयर एजुकेशन प्रोग्राम 'फ्यूचरमेड' में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और पेशे से डॉक्टर डेनियल क्राफ्ट का मानना है कि इस सेंसर को हेल्थकेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा.

वह साथ ही ये भी कहते हैं, ''स्केल के साथ हेल्थकेयर को जोड़ देने पर रोगियों को अपने हेल्थकेयर डाटा को समझने में मदद मिलेगी, जो उनके लिए फायदेमंद होगा.''

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