-नौकरी के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स की डिग्री पर उच्च शिक्षा आयोग ने लगाई आपत्ति

- एमए साइकोलॉजी में आठ, एमए एप्लाइड एंड क्लीनिकल साइकोलॉजी के पाठ्यक्रम में फंसा पेच

<-नौकरी के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स की डिग्री पर उच्च शिक्षा आयोग ने लगाई आपत्ति

- एमए साइकोलॉजी में आठ, एमए एप्लाइड एंड क्लीनिकल साइकोलॉजी के पाठ्यक्रम में फंसा पेच

BAREILLY

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आरयू में में चल रहे एप्लाइड कोर्सेज की वैद्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। उच्च शिक्षा आयोग ने एप्लाइड एंड क्लीनिकल साइकोलॉजी की मार्कशीट को वैध मानने से इनकार कर दिया है। कोर्स की वैधता पर अंगुलियां उठते ही पासआउट विद्यार्थी असमंजस में है। स्टूडेंट्स पाठ्यक्रम की वैधता का प्रमाण पत्र पाने के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे हैं।

क्0 दिन का दिया समय

कैंपस में पीजी में एप्लाइड एंड क्लीनिकल साइकोलॉजी कोर्स चल रहा है। जबकि अन्य कॉलेजों में एमए साइकोलॉजी कोर्स संचालित है। कैंपस से पास आउट विवेक पटेल, नीतू सिंह ने उच्च शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए आवेदन किया है। आयोग ने जब एप्लाइड साइकोलॉजी की डिग्री देखी, तो उस पर आपत्ति लगा दी। आयोग ने एमए और एप्लाइड साइकोलॉजी के पाठ्यक्रम में भिन्नता का तर्क रखा। पाठ्यक्रम की वैधता सिद्ध करने के लिए दस दिन का समय दिया। इसलिए कैंडिडेट्स अब आरयू के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, नौकरी हाथ से फिसलने को लेकर स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी को कोर्ट की शरण में जाने से भी चेता दिया है।

पाठ्यक्रम बना मुसीबत

एमए साइकोलॉजी में आठ विषय पढ़ाए जाते हैं। जबकि यूनिवर्सिटी कैंपस में एप्लाइड साइकोलॉजी में सोलह विषय पढ़ाए जा रहे हैं, जबकि चार प्रैक्टिकल होते हैं। इसी में पेच है। यूनिवर्सिटी का तर्क है कि कैंपस का पाठ्यक्रम, सामान्य कोर्स से एडवांस है। यही वजह है कि यहां से पास आउट छात्रों का चयन जल्द होता है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यूनिवर्सिटी इसका प्रमाण पत्र दे कि पाठ्यक्रम समान है, पर लिखित में यह पत्र जारी करने में कतरा रहा है। वेडनसडे को स्टूडेंट्स ने कुलसचिव के समक्ष विरोध जताया।

यूनिवर्सिटी का कोर्स एडवांस है। डीन से बात हुई है। विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में स्टूडेंट्स को यह प्रमाणपत्र मिलता रहे, ताकि कोर्स पर सवाल न उठें।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार