-बड़ा बाईपास पर लगने वाले हाइवे मोबाइल की दो बजे बजे के बाद नहीं मिलती लोकेशन

-दो थानों से प्राइवेट व्हीकल में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के बाद भी नहीं रुक रहीं वारदातें

BAREILLY: बड़ा बाईपास पर क्राइम कंट्रोल के लिए हाइवे मोबाइल की शुरुआत की गई थी. लेकिन अक्सर रात में दो बजे के बाद कंट्रोल रूम को इस व्हीकल की लोकेशन ही नहीं मिलती है. इसके अलावा दो प्राइवेट व्हीकल पर भी पुलिस रहती है, लेकिन उसका भी कुछ पता नहीं चलता है. ऐसे में बदमाशों को भी वारदात के बाद बाईपास करने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं होती है. इसके अलावा थानों की पुलिस भी उनका काम आसान कर देती हैं, क्योंकि वारदात के बाद थानों की पुलिस सीमा विवाद में उलझ जाती है. ऐसे में सर्दियों में बड़ा बाईपास से वाहनों का गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है.

शाम म् बजे से दौड़ती है हाइवे मोबाइल

बड़ा बाईपास पर वारदातों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. सबसे पहले कीलें डालकर टायर पंक्चर कर लूट की वारदातों की शुरुआत हुई. जिसके बाद एसएसपी ने बड़ा बाईपास पर हाइवे मोबाइल पेट्रोलिंग गाड़ी चलाने का आदेश जारी किया. इस गाड़ी पर सिटी के तीन थानों से अलग-अलग दिन ड्यूटी लगायी जाती है. इस व्हीकल में एक एसआई रैंक के अधिकारी के साथ-साथ चार कॉन्स्टेबल मौजूद रहते हैं. इस व्हीकल को रात म् बजे से सुबह म् बजे तक मोबाइल रहना होता है. जब वारदातें बढ़ना स्टार्ट हुई तो एसपी सिटी के निर्देश पर इज्जतनगर और बिथरी चैनपुर थाना से डेली एक प्राइवेट व्हीकल में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी जाने लगी.

कंट्रोल रूम करता है मॉनिटरिंग

बड़ा बाईपास पर चलने वाली हाइवे मोबाइल कंट्रोल रूम से मॉनीटर होती है. कंट्रोल रूम से हर आधे घंटे बाद उनकी लोकेशन ली जाती है. लेकिन अक्सर देखने में आता है कि रात में दो बजे के बाद इस व्हीकल की लोकेशन ही नहीं मिलती है. फ्राइडे रात में बिथरी चैनपुर थाना से हाइवे मोबाइल पर पुलिसकर्मियों की डयूटी लगायी गई थी. लेकिन दो दिन पहले हुई बड़ी वारदात के बावजूद रात में ख् बजकर क्भ् मिनट के बाद हाइवे मोबाइल की लोकेशन नहीं मिली. इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को भी लोकेशन का चार्ट भेजा जाता है, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है.

थाना की गाडि़यां सिफर् नाम की

लगातार वारदातें बढ़ने के बाद एसपी सिटी के निर्देश पर इज्जतनगर व बिथरी चैनपुर थाना से एक-एक प्राइवेट व्हीकल डेली हाइवे पर लगाया जाता है. इन गाडि़यों पर एक एसआई और दो कांस्टेबल की ड्यूटी लगायी जाती है. लेकिन ये गाडि़यां भी सिर्फ नाम के लिए ही चल रही हैं. क्योंकि थाना की गाड़ी होने के चलते इन्हें कम एरिया ही कवर करना होता है, इसके वाबजूद वारदातें हो जाती हैं. इन गाडि़यों पर तैनात पुलिसकर्मियों की लोकेशन लेने वाला भी कोई नहीं होता है, इसलिए सिर्फ थाना में ही ड्यूटी इंटर हो जाती है.

ये मेरा एरिया नहीं है

बड़ा बाईपास पर लगातार लूट और मर्डर की वारदातें सामने आ रही हैं. करीब दो महीने पहले एक ट्रक ड्राइवर को गोली मारकर लूट लिया गया था. जिस वक्त वारदात हुई थी उस वक्त हाइवे मोबाइल वहीं से गुजरी थी. लेकिन सीमा विवाद के चलते तीन थानों की पुलिस में काफी विवाद हुआ था. इज्जतनगर, सीबीगंज और भोजीपुरा थाना की पुलिस अपने एरिया में वारदात होने से इंकार कर रही थीं. इसी तरह दो दिन पहले भी बड़ा बाईपास पर ट्रक लूट की वारदात हुई. इस वारदात के बाद भी कई घंटे तक पुलिस सीमा विवाद में ही उलझी रही और पीडि़त को इधर से उधर चक्कर लगवाती रही. यही नहीं इज्जतनगर एसओ तो पुलिस अधिकारियों से भी उलझ गए. एसपी सिटी के हस्तक्षेप के बाद ही इज्जतनगर में एफआईआर दर्ज हो सकी.

ाइल फैक्ट

हाइवे की दूरी -फ्ख् किमी

हाइवे से जुड़े थाना - बिथरी चैनपुर, इज्जतनगर व सीबीगंज

हाइवे मोबाइल - क्

प्राइवेट गाडि़यां -ख्

पिकेट -0

हाइवे मोबाइल की रात में लोकेशन न मिलने की जांच करायी जाएगी. पिछले कुछ दिनों का लोकेशन चार्ट चेक कर कार्रवाई की जाएगी. जल्द ही सीबीगंज से भी प्राइवेट व्हीकल चलाया जाएगा और पिकेट की भी व्यवस्था की जाएगी.

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली