हिन्दी दिवस पर विभिन्न संगठनों की ओर से कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

VARANASI

हिन्दी दिवस के अवसर पर बुधवार को सरकारी और गैर सरकारी संगठनों की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इसमें निज भाषा का बखान किया गया। बीएचयू में वीसी प्रो। गिरीश चन्द्र त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज सेंट्रल ऑफिस के कमेटी रूम में हिन्दी दिवस का अयोजन किया गया। स्वागत हिन्दी अधिकारी विचित्रसेन गुप्ता ने किया। केन्द्रीय गृह मंत्री भारत सरकार द्वारा जारी अपील का वाचन कुलपति प्रो। गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। वीसी की ओर से जारी अपील का वाचन रजिस्ट्रार डॉ। केपी उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर राजभाषा हिन्दी पर आधारित चलचित्र का प्रदर्शन किया गया। संचालन राजभाषा प्रकोष्ठ के डॉ। कृष्णा प्रसाद पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ सहायक मुतुर्जा आलम ने दिया। बीएचयू के पत्रकारिता विभाग की ओर से हिन्दी पखवाड़ा 'हिंदी हैं हम' का समापन हुआ। बतौर चीफ गेस्ट यूनिवर्सिटी के फाइनेंस ऑफिसर एमआर पाठक ने कहा कि महामना ने हिंदी के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति डॉ। रणशील उपाध्याय ने कहा कि हिंदी की संप्रेषणीय क्षमता पहले की अपेक्षा आम जनमानस में बढ़ी है। इस दौरान हिन्दी पखवाड़ा के अंर्तगत हुई प्रतियोगिताओं के विजेताओं के नाम की घोषणा की गयी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। अनुराग दवे और संचालन डॉ। बाला लखेन्द्र ने किया। इस अवसर पर प्रो। शिशिर बसु, डॉ। शोभना नार्लीकर, अमिता, धीरेन्द्र राय, नेहा पांडेय उपस्थित थे।

अपने बूत फल-फूल रही हिन्दी

इसी क्रम में काशी विद्यापीठ में कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि अंग्रेजी हटाओ आंदोलन से जुड़े प्रो। सुरेन्द्र प्रताप ने कहा कि यह हिन्दी के उत्सव का समय है। प्रो। शिवकुमार मिश्र ने कहा कि हिन्दी अपने बूते फल फूल रही है। संचालन डॉ। रमेश चंद तथा धन्यवाद डॉ। प्रीति ने दिया। डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के विश्व भाषा के रूप में हिन्दी विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ अखिलेश कुमार दूबे की पुस्तक 'अर्ध कथानक: जैन कवि बनारसी दास की आत्मकथा और उसका समय' का लोकार्पण प्रिंसिपल डॉ सत्यदेव सिंह ने किया।

'विश्वप्रसिद्ध रामलीला : रामनगर' का विमोचन

हिन्दी दिवस पर आईआईटी बीएचयू में प्रोजेक्ट वाराणसी के तहत 'विश्वप्रसिद्ध रामलीला : रामनगर' पुस्तक का विमोचन डायरेक्टर प्रो। राजीव संगल ने किया। एबीएलटी ऑडिटोरियम में हुए समारोह में प्रो संगल ने कहा कि हिन्दी दिवस सिर्फ हिन्दी का नहीं बल्कि भाषा का दिवस है। हमें देश के सभी प्रादेशिक भाषाओं और बोलियों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने पुस्तक के बारे में कहा कि रामनगर की रामलीला के समग्र पक्षों को अपने में समेटे हुए यह पुस्तक निश्चित रूप से पहला पूर्ण प्रयास है। इस वर्ष रामलीला क्भ् सितम्बर 'अनंत चतुर्दशी' के दिन प्रारंभ हो रही है। ऐसे में इस पुस्तक से पाठकों साथ शोधार्थियों को भी काफी मदद मिलेगी। दो वर्ष में तैयार हुई पुस्तक का संपादन डॉ। अवधेश दीक्षित, अरविन्द कुमार मिश्र एवं ईशान त्रिपाठी ने किया है। इस अवसर पर प्रो। पीके मिश्र, डॉ। नंदलाल सिंह, डॉ। अवधेश दीक्षित, अरविन्द मिश्र, ईशान त्रिपाठी, डॉ। विकास सिंह, राजीव झा, बलराम यादव, राहुल पटेल आदि उपस्थित थे। संस्थान में हिन्दी पखवाड़ा के अंर्तगत हुई विभिन्न प्रतियोगतिाओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। हिन्दी परिषद के संयोजक जगदीश राय ने दिवस की महत्व को बताया। धन्यवाद राजन श्रीवास्तव ने दिया।