प्रदेश के 36 सांसद, 182 विधायक एवं 22 एमएलसी के खिलाफ पेंडिंग हैं मुकदमे

हाई कोर्ट में चार अगस्त को होगी याचिका पर अगली सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से प्रदेश के सांसदों, विधायकों व विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सांसदों, विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों की स्थिति की जानकारी सहित इन्हें निपटाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर हलफनामा दाखिल कराने को कहा है। कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 4 अगस्त नियत की है।

एक साल में दें सारे निर्णय

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा जस्टिस सुनीता अग्रवाल की खण्डपीठ ने अधिवक्ता आशुतोष गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रदीप कुमार व प्रवीण कुमार ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 36 सांसद, 182 विधायक एवं 22 एमएलसी के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों व विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों को एक वर्ष में निर्णीत करने का आदेश दिया है। जनहित याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए सांसदो, विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को यथाशीघ्र निर्णीत करने की याचना की गयी है। राज्य सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में याचिका में लगाये गये आरोपों को सही माना गया है। इस पर कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता इमरानुल्लाह खान से सांसदों, विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों की स्थिति की जानकारी सहित इन्हें निपटाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर हलफनामा दाखिल कराने को कहा है।