-होली वाले दिन आला हजरत दरगाह ने मिश्रित आबादी वाले एरिया में 1 बजकर 30 मिनट से नमाज पढ़ने के लिए कहा

BAREILLY: बरेली साम्प्रदायिक सौहार्द की मिशाल है। इसे नाथ नगरी कहा जाता है तो इसे आला हजरत की भी नगरी कहते हैं। जब भी कोई त्यौहार आता है तो यहां के लोग एक-दूसरे के त्यौहार को मिल-जुलकर मनाते हैं। होली पर भी साम्प्रदायिक सौहार्द की मिशाल देखने को मिलेगी। होली का रंग फीका न हो, इसके लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमे की नमाज के टाइम में बदलाव किया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को होली के दिन जरुरत पर ही निकलने की सलाह जारी की गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग मिल जुलकर त्योहार मनाने की अपील कर रहे हैं।

एक घंटे बढ़ाया गय नमाज का समय

ऑल इंडिया जमात रजा ए मुस्तफा दरगाह आला हजरत के राष्ट्रीय अध्यक्ष व शहर काजी के प्रतिनिधि खलील कादरी ने बताया कि अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों के तहत जुमे की नमाज दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े 3 बजे तक पढ़ाई जाए। उन्होंने बताया कि आम दिनों में जुमे की नमाज साढ़े 12 बजे से मस्जिदों में पढ़ना शुरू की जाती है। जुमे की नमाज होली के दिन पड़ रही है। होली में सुबह से ही लोग रंग खेलना शुरू कर देते हैं और दोपहर बाद तक खेलते हैं। इसी वजह से जुमे की नमाज का समय एक घंटे बढ़ाकर डेढ़ बजे से किया गया है। आला हजरत दरगाह की ओर से सभी मुस्लिम भाइयों को इसी समय में नमाज पढ़ने के लिए कहा गया है। सभी मस्जिदों में साढ़े 3 बजे तक नमाज खत्म हो जाएगी। दोपहर बाद ही हिंदू लोग मोहल्लों में जाकर एक-दूसरे से होली मिलते हैं। उन्होंने कहा कि शहर वासी होली का त्यौहार मिल जुलकर मनाएं।

जरुरत पर ही निकलें घर से बाहर

जमात रजा ए मुस्तफा बरेली शरीफ के वाइस प्रेसीडेंट सलमान हसन खान कादरी की ओर से संदेश जारी किया गया है जिसमें लिखा है कि होली की वजह से मुस्लिम भाई एहतियात बरतें। बिना जरुरत के घर से न निकलें, सिर्फ नमाज व जरूरी चीजों के लिए ही घर से बाहर निकलें। सभी से गुजारिश है कि अपने एरिया में मुस्लिम भाइयों से इस पैगाम पर अमल करने के ि1लए कहें।

सोशल साइट्स पर भी सौहादर् की अपील

जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खां वारसी ने फेसबुक पर अपील की है कि रंग खेलने वाले और रंग से बचने वाले दोनों ही एक दूसरे का ख्याल रखें। होली पर बुराइयों को करीब न आने दें। हिंदु-मुस्लिम भाइयों से अपील, नासमझी, या नादानी में कोई बच्चा या होली खेलने वाला शख्स रंग डाल भी दे, तो बुरा मत मानना, बल्कि सब्र रखना। सारी बातों और बुराइयों को दरकिनार कर सूझ बूझ से काम लें। होली का पर्व बुराईयों पर अच्छाई की जीत का है, इसलिए हम सबको जीत के साथ ही रहना हैं। सब मिलकर एक बात पर कायम हो जाओ कि अपने चमन को किसी भी सूरत में दागदार नहीं होने दें। इसके अलावा भी कई लोग अलग-अलग तरीकों से सौहार्द की अपील कर रहे हैं।