- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में रहने वाले अन्त:वासी घरों की ओर रवाना

- रविवार बाद से फिर देखने को मिलेगी रौनक

<- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स में रहने वाले अन्त:वासी घरों की ओर रवाना

- रविवार बाद से फिर देखने को मिलेगी रौनक

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डिफरेंट डिफरेंट हास्टल्स में रहने वाले हास्टलर्स पर होली की खुमारी काफी पहले से ही चढ़ी नजर आ रही थी। लड़के सड़कों पर निकलकर डीजे की धुन पर थिरकते नजर आ रहे थे। इसका असर अब हास्टल्स पर पूरी तरह से देखने को मिल रहा है। ज्यादातर छात्रावासों में सन्नाटा पसरा चुका है। अन्त:वासी अपने घरों की ओर रवाना हो चुके हैं।

<इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डिफरेंट डिफरेंट हास्टल्स में रहने वाले हास्टलर्स पर होली की खुमारी काफी पहले से ही चढ़ी नजर आ रही थी। लड़के सड़कों पर निकलकर डीजे की धुन पर थिरकते नजर आ रहे थे। इसका असर अब हास्टल्स पर पूरी तरह से देखने को मिल रहा है। ज्यादातर छात्रावासों में सन्नाटा पसरा चुका है। अन्त:वासी अपने घरों की ओर रवाना हो चुके हैं।

फरवरी लास्ट से शुरू हो चुका था हुड़दंग

गौरतलब है कि फरवरी लास्ट से ही यूनिवर्सिटी रोड पर हास्टलर्स का हुड़दंग शुरू हो चुका था। बैंड बाजा लेकर निकलने वाले छात्र होली की मस्ती में डूबे हुए थे। इसकी बड़ी वजह प्रतियोगी परीक्षाओं का बहुत प्रेशर न होना रहा। बहुत अधिक परीक्षाएं न होने का असर अब हास्टल्स में साफ देखने को मिल रहा था। यहां रहने वाले अन्त:वासी एक दो दिन पहले ही अपने घरों की ओर निकल चुके हैं। जो नहीं जा पाए थे वे भी थर्सडे शाम तक निकल गए।

पीसीएस वाले ही रह गए

ताराचन्द, हिन्दू हास्टल, पीसीबी, एसएसएल, जीएन झा, डायमंड जुबिली, हालैंड हाल, एसडी जैन आदि हास्टल्स के अन्त:वासियों के घरों की ओर लौटने से छात्रावासों की रौनक गायब हो चली है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैम्पस में शिक्षण कार्य पहले ही चार और पांच मार्च के लिए स्थगित कर दिया गया था। छात्रावासों में जो छात्र रुके हुए हैं। उनमें ज्यादातर पीसीएस 2013 के इंटरव्यू में शामिल होने वाले प्रतियोगी छात्र हैं या 10 मार्च से शुरू होने वाली यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाओं के ही छात्र हैं।

<फरवरी लास्ट से शुरू हो चुका था हुड़दंग

गौरतलब है कि फरवरी लास्ट से ही यूनिवर्सिटी रोड पर हास्टलर्स का हुड़दंग शुरू हो चुका था। बैंड बाजा लेकर निकलने वाले छात्र होली की मस्ती में डूबे हुए थे। इसकी बड़ी वजह प्रतियोगी परीक्षाओं का बहुत प्रेशर न होना रहा। बहुत अधिक परीक्षाएं न होने का असर अब हास्टल्स में साफ देखने को मिल रहा था। यहां रहने वाले अन्त:वासी एक दो दिन पहले ही अपने घरों की ओर निकल चुके हैं। जो नहीं जा पाए थे वे भी थर्सडे शाम तक निकल गए।

पीसीएस वाले ही रह गए

ताराचन्द, हिन्दू हास्टल, पीसीबी, एसएसएल, जीएन झा, डायमंड जुबिली, हालैंड हाल, एसडी जैन आदि हास्टल्स के अन्त:वासियों के घरों की ओर लौटने से छात्रावासों की रौनक गायब हो चली है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैम्पस में शिक्षण कार्य पहले ही चार और पांच मार्च के लिए स्थगित कर दिया गया था। छात्रावासों में जो छात्र रुके हुए हैं। उनमें ज्यादातर पीसीएस ख्0क्फ् के इंटरव्यू में शामिल होने वाले प्रतियोगी छात्र हैं या क्0 मार्च से शुरू होने वाली यूनिवर्सिटी की वार्षिक परीक्षाओं के ही छात्र हैं।

तीन दिनों तक लगातार अवकाश

बहरहाल, अब यूनिवर्सिटी कैम्पस और हास्टल्स की रौनक रविवार बाद से ही देखने को मिलेगी। यूनिवर्सिटी में छह और सात मार्च को अवकाश घोषित है। आठ मार्च को संडे की छुट्टी पड़ रही है। ऐसे में लगातार तीन दिनों तक छात्रों को छुट्टी इंज्वाय करने का मौका मिलेगा। रविवार बाद अगले दो से तीन दिनों के भीतर ही अन्त:वासी और छात्रों की वापसी का दौर शुरू होगा। ज्ञातव्य हो कि छात्रावासों में पूर्वाचल और बिहार के छात्रों की संख्या अधिक है।