- भद्रा योग होने से होलिका दहन चार मार्च को अशुभ माना जाएगा

- पांच मार्च की शाम 6.30 से रात 10.50 बजे तक शुभ मुहूर्त

- छह मार्च को सुबह से देर शाम तक रंग और गुलाल का बेहतर है योग

PATNA: शहर के चौक-चौराहों पर होलिका दहन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। पटनाइट्स शुभ समय पर होलिका दहन करने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि शुभ समय में होलिका दहन होने से घर में आयी विपदा खुद-व-खुद दूर हो जाती है। पंडित रामानंद तिवारी ने बताया कि इस बार होली से एक दिन पहले होलिका दहन का श्रेष्ठ समय है। पांच मार्च को शाम साढ़े छह से लेकर रात क्0.भ्0 बजे तक सही समय माना जा रहा है, जबकि चार मार्च की रात करीब 8.भ्0 से लेकर पांच मार्च की सुबह क्0.क्म् बजे तक भद्रा योग बन रहा है। इस योग में होलिका दहन सही नहीं माना जाता है, जो भी होलिका दहन करने या उसमें शरीक होने की सोच रहे हैं। वो पांच मार्च की शाम साढ़े छह से लेकर रात क्0.भ्0 बजे तक ऐसा कर सकते हैं।

चेहरे पर चमकने दे रंग व गुलाल

ज्योतिष का मानना है कि गुलाबी और लाल रंग अगर चेहरे पर लगाते हैं, तो उसका पॉजिटिव साइन आपके फ्यूचर में ब्राइटनेस लाने वाला है। यही नहीं, होली के दिन अगर आपके चेहरे पर रंग लगा रहे, तो उसे अधिक साफ करने की जरूरत नहीं है। नॉर्मली रंग और उस पर गुलाल रहे तो इससे फायदा ही होगा। किसी भी राशि और ग्रह से कोई लेना-देना नहीं होता है। सिर्फ दोस्तों का साथ, बड़ों का आशीर्वाद अगर मिल जाए, तो फिर आपके लिए बेहतर संकेत मिलता है, इसलिए रंगों की होली में रंग का अधिक से अधिक मजा लेने की जरूरत है।