- किला छावनी में सुबह 4 बजे मोमबत्ती से लगी खपरैल में आग

- बच्चों को घर छोड़कर पीलीभीत निवासी रिश्तेदार के घर गया था परिवार

- दर्दनाक हादसे पर डीएम ने दोनों परिवारों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा

BAREILLY:

किला छावनी के एक घर में फ्राइडे अलसुबह आग लगने से एक परिवार के छह मासूम जल कर मर गए। परिजन रिश्तेदारी में पीलीभीत गए हुए थे। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बच्चों की जान जा चुकी थी। परिजनों को जैसे ही हादसे की जानकारी हुई तो कोहराम मच गया।

शादी में गया था परिवार

किला छावनी में रहने वाला रिक्शाचालक राजू थर्सडे को पत्‍‌नी रानी समेत शादी में शरीक होने पीलीभीत गया था। घर में बेटा संगम, चार बेटियां 16 वर्षीय सलोनी, 12 वर्षीय संजना, 10 वर्षीय सानिया और 8 वर्षीय दुर्गा समेत दामाद गुड्डू के दो बच्चे 7 वर्षीय महिमा और 4 वर्षीय देव वहीं थे। रात में खाना खाने के बाद सभी सो गए। तड़के संगम काम पर जाने के लिए निकला तो मोमबत्ती जलाकर अलमारी पर रख दी। उसने सलोनी से मोमबत्ती बुझाने और दरवाजा बंद करने को कहा। सलोनी ने दरवाजा बंद किया लेकिन मोमबत्ती बुझाना भूल गई। आशंका है कि मोमबत्ती से पास ही के पर्दे में आग लगी फिर आग की लपटें खपरैल तक पहुंची। आग ने मासूमों को जिंदा जला दिया।

आग ने मचाया तांडव

पहले आग ने बरामदे में पड़ी खपरैल को चपेट में लिया। भोर में मोहल्ले वालों की नजर घर से निकल रहे धुएं और आग की लपटों पर पड़ी। आसपास के लोग जुटे लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। मौके पर पुलिस, फायर ब्रिगेड टीम ने पहुंचकर दरवाजा तोड़ा। अंदर पूरा घर आग की लपटों में घिरा था। लोगों की मदद से किसी तरह आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक सलोनी, संजना, सानिया, दुर्गा समेत महिमा और देव की आग में जलकर मौत हो गई थी। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर एसएसपी आरके भारद्वाज, एसपी सिटी समीर सौरभ पहुंचे। एसएसपी के मुताबिक मोमबत्ती से आग लगने की बात सामने आई है।

बदहवास हुई मां

बेटे और बेटियों की मौत होने पर मां रानी और सोनी बदहवास हो गई। पोस्टमार्टम हाउस के सामने की सड़क पर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगी। रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग उसे संभालने में जुटे रहे। मोहल्ले वालों ने बताया कि बड़ी बेटी सोनी शादी के बाद पति के साथ किला छावनी में रहती है। कई माह से वह मायके में ही रह रही है। वहीं, दूसरी ओर परिवार को ढांढस बंधाने के लिए तमाम पार्टियों के जनप्रतिनिधि और समर्थक पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। दोपहर को दर्दनाक घटना के बाबत डीएम ने राजू और गुड्डू के परिवारों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की।

हो सकता था बड़ा हादसा

आग की लपटों से घिरे घर में 3 सिलिंडर भी भरे हुए रखे थे। काफी हद तक आग पर काबू पाने के बाद तफ्तीश में जुटी पुलिस की नजर सिलिंडर पर पड़ी। जिसे देख पुलिस के होश उड़ गए। बिना समय गंवाए पुलिस ने सिलिंडरों को बाहर निकाला और दूर मिट्टी पर फेंक दिया। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। क्योंकि अगर सिलिंडर ब्लास्ट होता तो आसपास के घर भी उसकी चपेट में आ सकते थे। जिससे न जाने कितने परिवारों पर कहर बरप सकता था।