-सिटी में ट्रैफिक पुलिस को मिले होमगार्ड्स में से 100 से ज्यादा गार्ड्स हटाए गये
-जब शुरू हुई थी शहर में खोदाई तब सपोर्ट के लिए जोड़े गए थे ट्रैफिक डिपार्टमेंट से
-होमगार्ड्स के जाने से चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था, पूरी फोर्स भी नहीं कर पा रहे कंट्रोल
VARANASI
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अब तक जिनके सहारे कंट्रोल की जा रही थी, अब उन्हें ही किनारे कर दिया गया है। हम बात कर रहे हैं होमगार्ड्स की। बनारस में लगातार बढ़ रही पॉपुलेशन और व्हीकल्स की संख्या के लोड को तंग सड़कों पर कंट्रोल करना ट्रैफिक डिपार्टमेंट के बूते का नहीं। इसी वजह से बड़ी संख्या में होमगार्ड्स को ट्रैफिक पुलिस के साथ अटैच्ड किया गया है। लेकिन करीब क्0 दिन पहले ट्रैफिक पुलिस से जुड़े कुल जमा होमगार्ड्स में से क्00 से ज्यादा को डिटैच्ड किये जाने से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था फिर से बेपटरी हो गई है।
खोदाई के पहले आए साथ
बता दें कि शहर में तमाम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए ठंड के मौसम में जब नये सिरे से खोदाई शुरू हुई, तभी बड़ी संख्या में होमगार्ड्स को ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट से जोड़ा गया था। मकसद था कि लिमिटेड ट्रैफिक पुलिस को एडिशनल सपोर्ट देना। होमगार्ड्स ने तत्परता के साथ ड्यूटी करते हुए अपनी इस जिम्मेदारी को महीनों तक निभाया भी। अब बारिश शुरू होने के साथ जैसे ही खोदाई का काम पैकअप होने लगा है, ट्रैफिक पुलिस से जुड़े होमगार्ड्स की स्ट्रेंथ काफी कम कर दी गयी है।
जबकि बढ़ गई है मुसीबत
भले ही शहर में खोदाई का काम सिमटने से राहत है मगर खोदाई और बारिश से तबाह सड़कों पर ट्रैफिक को लेकर अलग तरह की मुसीबत बढ़ गयी है। रथयात्रा सिगरा रोड, कमच्छा भेलूपुर रोड, गिरजाघर नईसड़क रोड, पाण्डेयपुर पहडि़या रोड, हुकुलगंज पाण्डेयपुर रोड ऐसी कुछ सड़कें हैं, जिनकी हालत बहुत खराब है। खराब सड़क होने के कारण ही इन पर सुबह से शाम तक भीषण जाम लगा रहता है। इसी बीच होमगार्ड्स की संख्या कम होने के कारण ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए कोई नजर भी नहीं आता।
चौराहों पर स्थिति खराब
सिर्फ व्यस्त और खराब सड़कें ही नहीं, होमगार्ड्स की कमी का असर चौराहों पर भी नजर आने लगा है। रथयात्रा, गुरुबाग, कमच्छा, मलदहिया लोहामंडी चौराहा, इंग्लिशियालाइन, गिरजाघर, बेनियाबाग, मैदागिन, अंधरापुल, मण्डुआडीह, सिगरा आदि ऐसे चौराहे हैं जो इन दिनों घंटों-घंटों जाम से जूझ रहे हैं। उससे भी खास है कि स्थिति को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से कोई इंतजाम नजर नहीं आता है।
एक है डबल का लोड
अब तक हर चौराहे या उस रोड पर जहां ट्रैफिक ज्यादा होती है वहां दो या चार होमगार्ड्स को तैनात किया जाता था। लेकिन अब इन जगहों पर केवल एक या ज्यादा से ज्यादा दो होमगार्ड्स रह गये हैं। ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों की काफी कमी है इसके बाद होमगार्ड्स को लगाया गया था। लेकिन उन्हें हटाये जाने से ट्रैफिक पुलिस पर बोझ बढ़ गया है।
अकेले जूझता रहा होमगार्ड
मलदहिया से तेलियाबाग और लोहामंडी से परेडकोठी क्रासिंग पर सोमवार की दोपहर जाम लगा हुआ था। यहां पर एक होमगार्ड मौजूद था। जिससे ट्रैफिक संभाले संभल नहीं रहा था। यह किसी एक चौराहे का हाल नहीं ज्यादातर जगहों का यही हाल रहता है। वहीं जहां पर केवल होमगार्ड्स ही रहते है वहां उनकी पब्लिक एक नहीं सुनती है।
कि तनी है हमारे पास ट्रैफिक फोर्स
शहर के ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए हमारे पास जितनी फोर्स दी गयी है वह नाकाफी है। लेकिन काम इसी में चलाया जा रहा है।
ट्रैफिक पुलिस में एसपी ट्रैफिक के साथ एक सीओ, एक टीआई, छह टीएसआई, फ्8 हेड कॉस्टेबल और ख्00 हेड कॉस्टेबल है। मुख्यालय से इतनी ही फोर्स ही एलाट की गयी है। जो पर्याप्त नहीं है। ट्रैफिक पुलिस को चार सौ से अधिक होमगार्ड्स दिये गये थे। जो अब ख्90 रह गये है।
हमारे पास जितनी फोर्स है उतने में काम चलाया जा रहा है। यह फोर्स कम तो है लेकिन हमें इसमें ही काम करना है। होमगार्ड्स को शहर में हो रही खोदाई के लिए दिया गया था। खोदाई खत्म होने के बाद वापस ले लिया गया है। लेकिन आधे हमारे पास है। जरूरत पड़ने पर डिमांड की जाएगी।
लाल बहादुर, एसपी ट्रैफिक