- बेली की होम्योपैथिक डिस्पेंसरी में कुतिया की डिलीवरी

- बदहाली की पराकाष्ठा, फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार

- टूटे दरवाजे से घुसी थी कुतिया, डर के मारे सहमे रहे डॉक्टर व मरीज

<- बेली की होम्योपैथिक डिस्पेंसरी में कुतिया की डिलीवरी

- बदहाली की पराकाष्ठा, फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार

- टूटे दरवाजे से घुसी थी कुतिया, डर के मारे सहमे रहे डॉक्टर व मरीज

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बेली हॉस्पिटल। होम्योपैथिक डिस्पेंसरी। सुबह का वक्त। डॉक्टर मरीज दोनों डरे सहमे। पता चला कि डिस्पेंसरी में एक कुतिया ने कब्जा जमा रखा है। डिस्पेंसरी के टूटे दरवाजे से अंदर पहुंची कुतिया ने रात में यहीं बच्चों को जन्म दिया था। ऐसे में जो कोई सामने आता वह गुर्राने लगती। शनिवार को डिस्पेंसरी के इस दृश्य ने यहां बदहाली की पराकाष्ठा को बेपर्दा कर दिया। दवाओं व अन्य मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे इस सेंटर की बदहाली पर जैसे जिम्मेदारों ने आंख ही मूंद ली है। तभी तो लगातार डिमांड के बाद भी यहां कार्य करने वाले डॉक्टरों और आने वाले मरीजों की एक नहीं सुनी जा रही है। अनदेखी की वजह से ही आज डिस्पेंसरी के ये हालात हो गए हैं।

डिस्पेंसरी की बदहाली

- डिस्पेंसरी का पीछे का दरवाजा टूटा होने से जानवर घुस जाते हैं

-होम्योपैथिक डिस्पेंसरी की बिल्डिंग हो चुकी है जर्जर

- सीलन की वजह से ठंड में अंदर बैठना मुश्किल

- बाहर कूड़ा फेंके जाने से मरीजों को बैठने में दिक्कत

- टायलेट चोक, नहीं सुन रहे अधिकारी

- डिमांड के अनुरूप नहीं मिल पाती दवाएं

- कई बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद नहीं सुन रहे डीएचओ

- रोजाना दो से तीन सौ मरीज इलाज कराने आते हैं

- डिस्पेंसरी के भीतर भी मरीजों की बैठने की खास व्यवस्था नहीं है

- डिस्पेंसरी की समस्या गंभीर है। कई बार डायरेक्टरेट से मेंटनेंस के लिए बजट की मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। बिना बजट आए कुछ भी करा पाना काफी मुश्किल है। फिर भी समस्या के बारे में जानकारी हासिल करता हूं।

डॉ। बीडी सिंघल, जिला होम्योपैथिक अधिकारी, इलाहाबाद