हूल दिवस पर साहिबगंज में सीएम की घोषणा, एक लाख नौकरी में किसी बाहरी को जगह नहीं

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क्या कहा सीएम ने

- नशामुक्त गांव को मिलेगी एक लाख की राशि

- बच्चों के दूध पर खर्च करें हडि़या पीनेवाली राशि

- सिदो-कान्हू, चांद-भैरव ने स्वराज के लिए नहीं की जान की परवाह

- जुलाई से ही काम करने लगेगा पंचायत सचिवालय

--पंचायत सचिवालय में मानदेय पर काम करेंगे युवक

- वर्ष 2017 से झारखंड में निर्बाध होगी बिजली की सप्लाई

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साहिबगंज: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में रिक्त पड़े 1 लाख 16 हजार पदों पर बहाली शीघ्र पूरी कर ली जाएगी। इन पदों पर किसी बाहरी व्यक्ति की भर्ती नहीं की जाएगी। जो जिस क्षेत्र के बेरोजगार हैं, उसी क्षेत्र में उसकी बहाली की जाएगी। यानी साहिबगंज में साहिबगंज के ही बेरोजगार युवक की बहाली होगी। बरहेट स्थित भोगनाडीह मैदान में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने लोगों को शराब छोड़ने की नसीहत देते हुए नशामुक्त गांव को एक लाख रुपये देने की घोषणा की। कहा कि आदिवासी समाज के लोग शराब-हडि़या पर धन खर्च करने के बजाय इस राशि को बच्चों के दूध पर खर्च करें। उनकी पढ़ाई लिखाई पर खर्च करें। ताकि बच्चे कुपोषण से दूर रहें और शिक्षित बन सकें। इससे पूर्व रघुवर दास पंचकठिया स्थित शहीद स्थल पर गए और वहां पूजा-अर्चना करने के बाद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित की। इसके बाद मशाल जुलूस में शामिल होकर वे शहीदों की जन्मस्थली भोगनाडीह आए और इन वीरों के वंशजों से मुलाकात की।

सपनों को करें साकार

भोगनाडीह मैदान में रघुवर ने कहा कि वीर सपूत सिदो-कान्हू, चांद-भैरव ने स्वराज के लिए अपने जान की परवाह नहीं की। हमें भी जी जान लगाकर उनके सपनों को साकार करना होगा। कहा कि जुलाई से पंचायत सचिवालय काम करने लगेगा। इस सचिवालय में गांव के युवक मानदेय पर काम करेंगे। इनका काम गांव में घूमकर विधवा पेंशन व लाल कार्ड आदि के बारे में सर्वे का काम करना है। साथ ही आम सभा में जो योजना पारित होगी उस पर काम करना है। इससे मुखियाजी की मनमानी पर रोक लगेगी।

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मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति योजना शीघ्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों की समृद्धि के बिना राज्य समृद्ध नहीं होगा। इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। राज्य में लगभग 5800 गांव है। पहले चरण में 1000 गांव का चयन किया गया है। महिलाओं का समूह बनाकर प्रशिक्षण के बाद रोजगार के लिए प्रति समूह एक-एक लाख रुपया सरकार की ओर से दिया जाएगा। गांव के युवक-युवतियों को भी प्रशिक्षित कर रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पर सरकार पहले चरण के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

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सौर ऊर्जा से रोशन होंगे पहाड़ी गांव

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के लिए बिजली जरूरी है। ट्रांसमिशन लाइन दुरुस्त नहीं होने के कारण बिजली की यह दुर्दशा है। वर्ष 2017 तक संताल परगना समेत पूरे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी। पहाड़ों पर बसे 491 गांवों में सौर्य ऊर्जा के माध्यम से अंधेरा दूर किया जाएगा। इसके लिए टेंडर फाइनल कर दिया गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2019 तक तीन हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त कर लेने का दावा किया। जल संचयन पर भी उन्होंने बल दिया। कहा कि बारिश के बाद राज्य में और 4 लाख डोभा का निर्माण कराया जाएगा। वह सभा में पर्यावरण चिंतक के रूप में भी नजर आए। कहा कि इस बरसात में पूरे सूबे में 3 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।

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