एसआरएन में हार्मोस की जांच मशीन खराब, नहीं ले रहे सैंपल

प्राइवेट में महंगी जांच कराने को मजबूर हो रहे कई जिलों के मरीज

ALLAHABAD: दवाओं का टोटा कम था कि अब मरीजों के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। बात हो रही है मंडल के सबसे बड़े एसआरएन हॉस्पिटल में हार्मोस की जांच मशीन के खराब होने की। इसके चलते नए सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं और पुराने की जांच रिपोर्ट मरीजों को नहीं मिली है। इससे उनका इलाज जहां का तहां रुक गया है। इलाज आगे बढ़वाने के लिए मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी में महंगी जांच कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पेंडिंग हैं ढाई सौ सैंपल

हार्मोनल जांच महंगी और अहम होती है। डॉक्टर्स इस जांच के दम पर मरीज का इलाज करते हैं। प्राइवेट में इस जांच की कीमत पांच से दो हजार रुपए है। सरकारी हॉस्पिटल में यह काफी कम पैसे में उपलब्ध है। एसआरएन हॉस्पिटल में हार्मोस जांच मशीन खराब होने से दिक्कत बढ़ गई है। दो दिन पहले यह सुविधा बंद हो जाने से ढाई सौ जांच पेंडिंग हो गई हैं। नए सैंपल भी नहीं लिए जा रहे हैं।

रुकी हैं ये जांच

थायरायड प्रोफाइल, एलएस, एफएसएच, प्रोलैक्टिन, पीएसए, टेस्टोस्टेरॉन, विटामिन डी, विटामिन बी12, टीएसएच, टी3 टी4, सीरम फोलेट, एलएफटी, केएफटी, सुगर, यूरिक एसिड आदि।

हानिकारक है केमिकल लोचा

अगर सही समय पर हार्मोस की जांच नहीं हुई तो मरीज की बॉडी में केमिकल लोचा हो सकता है। हार्मोनल डिसबैलेंस से कई विकार पैदा हो जाते हैं। इसलिए बीमारी के उचित इलाज के लिए डॉक्टर ये जांच कराते हैं। बताया जाता है कि मशीन के कई पार्ट काफी महंगे हैं और इनको बाहर से मंगाने में दो दिन और लग सकता है। ऐसे में अगले कुछ दिनों तक जांच सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकेगी। ऐसा होने से इलाहाबाद समेत चित्रकूट, बांदा, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, भदोही, कौशांबी सहित कई जिलों से आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल, जिन मरीजों के सैंपल लिए गए हैं वे जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही उनका इलाज शुरू हो सकेगा।

हार्मोनल जांच की मशीन को जल्द बनवाने की कोशिश की जा रही है। इसके पार्ट दिल्ली से मंगाए गए हैं। आने में थोड़ा समय लग सकता है। तब तक मरीजों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज