- अपराधी के संबंध में 58 डिटेल होंगी पुलिस रिकॉर्ड में सेव

- छोटा सा अपराध करने पर अपराधी के संबंध में सारी जानकारी होगी टेबल पर

आई एक्सक्लूसिव

सुंदर सिंह

Meerut: अब शातिर से शातिर क्रिमिनल भी पुलिस के शिकंजे से ज्यादा दिन तक नहीं बच पाएंगे। क्योंकि पुलिस ने सभी क्रिमिनल को आधार से लिंक करने की योजना तैयार की है। पांच साल से जेल में बंद क्रिमिनल्स की सारी जानकारी आधार से लिंक की जाएगी। साथ ही इन बंदियों का डीएनए परीक्षण भी कराया जाएगा। इससे अपराध होने के बाद छोटा सा भी सुराग मिलने पर अपराधी की पूरी कुंडली पुलिस की टेबल पर होगी।

हाईटेक हो रही पुलिस

पुलिस को हाईटेक करने के लिए तीन साल पहले प्रदेश सरकार ने सभी थानों को एक तार से जोड़ने का निर्णय लिया था। इसके बाद सीसीटीएनएस (क्राइम कंट्रोल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) लागू किया गया था। प्रदेश सरकार की यह योजना सफल हो गई। सभी प्रदेशों को दिल्ली से जोड़ने का काम चल रहा है। अगले चरण में अपराधियों की कुंडली आधार कार्ड से लिंक करने की योजना है। जिस पर काम शुरू हो गया है। मुख्यालय में तेजी से अपराधियों के डाटा की फीडिंग का काम किया जा रहा है।

हर बंदी की बनेगी अलग फाइल

जेल में बंद अपराधी का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा। अगर बंदी का पहले से आधार कार्ड है तो ठीक है, अन्यथा उसका कार्ड बनवाया जाएगा। इसके बाद बंदी का आपराधिक इतिहास आधार कार्ड नंबर से लिंक कर दिया जाएगा। बंदी के परिवार में कितने लोग हैं? कौन क्या करता है? जमीन कितनी है? परिवार की आय के साधन क्या हैं? न्यायालय से उसकी जमानत कराने में कौन-कौन जमानती हैं? किसके पास कितने वाहन हैं? बंदी के परिवार वाले और वह स्वयं कितने मोबाइल इस्तेमाल करता है? रिश्तेदारी में कौन कहां नौकरी कर रहा है? इस तरह से 58 जानकारियां जमा करके हर बंदी की अलग फाइल बनाई जाएगी।

पुलिस को मिलेगी मदद

विभागीय जानकारी के अनुसार हाईटेक हो रहे युग में अपराधी की मामूली सी गलती या जानकारी पुलिस के लिए मददगार साबित होगी। एक खून की बूंद, फिंगर प्रिंट, पैर की छाप या फुटेज भी अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचा देगी। यहां अपराधियों के अपराध करने का तरीका भी पुलिस के लिए मददगार साबित होगा।

सीसीटीएनएस पर बनेगा डाटा बैंक

सीसीटीएनएस के जरिये अपराधियों का डाटा फीड किया जाएगा। अपराधियों के आधार कार्ड को उनके आपराधिक इतिहास के साथ जोड़ने की कवायद चल रही है। इसमें डीएनए परीक्षण भी शामिल किया गया है। इससे भी पुलिस को काफी मदद मिलेगी।

अपराधियों की बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाकर आधार से लिंक किया जा रहा है। ताकि अपराधी की छोटी से गलती पर, उससे जुड़ी सारी जानकारी मिल जाए।

जे रविन्द्र गौड़ एसएसपी

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