-राज्यमंत्री के इंस्पेक्शन के बाद DM पहुंचे मंडलीय हॉस्पिटल, सफाई व्यवस्था पर जताई नाराजगी

-इमरजेंसी से लेकर वार्डो में मिली गंदगी, खामियों को तत्काल दूर करने का दिया निर्देश

VARANASI

कई दिनों से लगातार मिल रही मरीजों की शिकायतों पर शनिवार को एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा का इंस्पेक्शन करने पहुंचे राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी जगह-जगह गंदगी देख भड़क उठे। ओपीडी के समय अस्पताल का हाल जानने पहुंचे राज्यमंत्री को सफाई व्यवस्था के अलावा दवाओं की कमी की शिकायत मिली। हॉस्पिटल के एसआईसी व एमएस को ब्8 घंटे के अंदर चीजें दुरूस्त करने के लिए निर्देशित किया। इंस्पेक्शन के दौरान ही अस्पताल में व्याप्त खामियों पर प्रमुख सचिव चिकित्सा से वार्ता भी की। राज्यमंत्री के जाने के बाद अधिकारी राहत की सांस लेते कि तब तक दोपहर बाद डीएम योगेश्वर राम मिश्र भी इंस्पेक्शन करने पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने भी अधिकारियों को खामियों पर फटकार लगाई। डीएम के तेवर भी अधिकारियों के खिलाफ ही रहे। इमरजेंसी वार्ड, टॉयलेट और वार्ड नंबर सात का इंस्पेक्शन किया। बेपटरी व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त करने का निर्देश दिया।

क्यों खराब है एसी ?

इंस्पेक्शन के दौरान राज्यमंत्री दवा वितरण काउंटर पर पहुंचे तो यहां टेटवैक इंजेक्शन नहीं था। इंजेक्शन अवेलेबल कराने के लिए एसआईसी को कहा। इसके बाद सीधे बर्न यूनिट पहुंचे तो पता चला कि कई दिनों से दो एसी खराब है। इस पर मंत्री जी ने अधिकारियों से ही पूछ ही लिया कि इतनी गर्मी में झुलसे मरीज कैसे रह पाएंगे? खराब पड़ी एसी तत्काल बदलवाने का फरमान सुनाया। बेड की चादरें नियमित रुप से चेंज कराने और रैन बसेरा सहित महिला वार्ड में पर्याप्त सुरक्षा व बेहतर सफाई के लिए एसआईसी को निर्देशित किया।

क्9म् दवाओं की चाहिए लिस्ट

राज्यमंत्री ने कार्डियो वार्ड में एसी लगाने और इमरजेंसी वार्ड में हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाले कैप्सूल की हमेशा उपलब्धता विशेष जोर देने को कहा। दवाओं के टोटा पर एसआईसी डॉ। बीएन सिंह द्वारा यह बताने पर कि चार माह पूर्व क्9म् प्रमुख दवाओं की लिस्ट शासन को भेजी गई थी लेकिन अभी तक दवाएं प्राप्त नहीं हुई। इस पर राज्यमंत्री ने सुबह तक दवाओं की लिस्ट अवेलेबल कराने को कहा।

स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी

इंस्पेक्शन के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में न्यूरो सर्जन, न्यूरो फिजिशियन व प्लास्टिक सर्जन नहीं है। इसके अलावा पिछले चार माह से डायलिसिस मशीन की खरीद न होने से किडनी रोग के मरीजों की डायलिसिस नहीं हो पा रही है। इस पर उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा से वार्ता भी की।