-काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के ND हॉस्टल का हाल बदहाल

-गंदगी से पटे मेस में बंदियों की तरह खाना खाने को मजबूर हैं स्टूडेंट्स

VARANASI

काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी का एनडी हॉस्टल स्टूडेंट्स के लिए जेल बन चुका है। अब आप सोच रहे होंगे कि यूनिवर्सिटी में जेल ये कैसे हो सकता है। जी हां काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को सुविधाएं जेल की तरह ही मिल रही हैं। गंदगी से पटे मेस का बेस्वाद खाना और दुर्गध उठते टॉयलेट-वॉशरूम का यूज करना स्टूडेंट्स की मजबूरी बन चुका है। खुद स्टूडेंट्स डरे सहमे इसलिए भी रहते हैं कि कब रूम की छत का छप्पर सिर पर गिर जाए? घर से दूर पढ़ाई के लिए हॉस्टल में रहने वालों के लिए यह अनुभव बेहद कड़वा साबित हो रहा है। मेस का प्लेटफॉर्म खुद ब खुद हकीकत बयां कर रहा है।

पीलिया बांट रहा मेस का खाना

गंदगी से पटे मेस का खाना खाकर स्टूडेंट्स बीमार हो रहे हैं। लगभग एक दर्जन से अधिक स्टूडेंटस का ब्लेम है कि खाना गुणवत्तायुक्त नहीं होता है। अधिकतर स्टूडेंट्स को पीलिया की शिकायत है। सुबह सात से आठ बजे के बीच में एक कप चाय भी मिलती है जिसमें दूध कम पानी ज्यादा रहती है। सुबह दस बजे से एक बजे के बीच रोटी-सब्जी, दाल-चावल और फिर रात आठ बजे से रात दस बजे के बीच रोटी-सब्जी, दाल-चावल दिया जाता है। वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भी कुछ ठोस व्यवस्था नहीं है।

बाकि सुविधाएं तो ठीक-ठाक है, लेकिन डर रहता है कि कब छत का छप्पर गिर जाए। और तो और भोजन की क्वालिटी सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

आदित्य सोनथालिया, हॉस्टलर

मेस में साफ-सफाई का अभाव है, शायद यही वजह है कि स्टूडेंट्स को पीलिया सहित अन्य बीमारियां हो रही है। शिकायत करने के बाद भी चीजें दुरूस्त नहीं हुई।

विवेक राय, हॉस्टलर

मेस के खाने से ही पीलिया हुआ है, अब तो बाहर से फल, दूध लेकर पीना पड़ता है। बाकि हॉस्टल की सभी सुविधाएं सही है।

राहुल राय, हॉस्टलर

टॉयलेट-वॉशरूम में साफ-सफाई प्रॉपर नहीं होती है। जब कम्प्लेन करिए तब जाकर कुछ सुनवाई होती है। रूम में छत का छप्पर भी गिरता रहता है।

सौरभ पांडेय, हॉस्टलर

कुछ मुठ्ठी भर छात्र हैं जो मेस को लेकर विवाद करते रहते हैं। मेस का खाना बिल्कुल ठीक और स्वादिष्ट होता है। जून में हॉस्टल बंद रहता है तभी रिपयेरिंग वर्क आदि किया जाता है। यदि किसी हॉस्टलर को कोई दिक्कत-परेशानी है तो वह मुझसे कम्प्लेन करें।

प्रो। रवि प्रकाश पांडेय, चीफ वॉर्डेन

नरेंद्रदेव छात्रावास

एक नजर

-नरेंद्रदेव हॉस्टल में लगभग क्फ्ख् रूम

-लगभग क्ब्0 स्टूडेंट्स

-सुबह 7 से 8 बजे के बीच मिलती है एक कप चाय

-सुबह क्0 से दोपहर एक बजे के बीच मिलता है भोजन

-रात 8 से क्0 बजे के बीच सेकेंड शिफ्ट में मिलता है भोजन

-हॉस्टल में फ्री वाई-फाई, आरओ वॉटर और सीसीटीवी की सुविधा