reality check

एक नजर: डीडीयूजीयू के हॉस्टल्स

संत कबीर हॉस्टल (पीजी)

148 कमरे

148 हॉस्टलर्स

8 जर्जर कमरे

2 कमरे कर्मचारियों के लिए

वार्डेन: प्रो। संजय बैजल

सुपरिटेंडेंट: डॉ। एके दीक्षित

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नाथ चंद्रावत हॉस्टल (यूजी)

153 कमरे

153 हॉस्टलर्स

1 कमरा कर्मचारियों के लिए

वार्डेन: प्रो। शिवाकांत सिंह

सुपरिटेंडेट: राकेश तिवारी

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विवेकानंद हास्टल (लॉ)

102 कमरे टोटल

101 हॉस्टलर्स

1 कमरा कर्मचारियों के लिए

वार्डेन: प्रो। जितेंद्र मिश्रा

सुपरिटेंडेंट: डॉ। चंद्रशेखर

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- DDUGU के तीन हॉस्टल्स में नहीं है पीने के पानी की सही व्यवस्था

- स्टूडेंट्स की शिकायत, उनकी बात नहीं सुनते हैं वॉर्डन

GORAKHPUR: अभी अप्रैल का दूसरा सप्ताह शुरू हुआ है और भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई है। हर दो-तीन घंटे पर हलक सूख जा रहे हैं। ऐसे मौसम में सबसे अधिक जरूरत किसी चीज की है तो वह है पानी लेकिन डीडीयूजीयू के हॉस्टलर्स का यह भी नसीब नहीं है। शुक्रवार को दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने डीडीयूजीयू के नाथ चंद्रावत, विवेकानंद लॉ और संतकबीर हॉस्टल में पानी के इंतजाम का शनिवार को रिएलिटी चेक किया। सभी जगह शुद्ध पानी की किल्लत दिखाई दी।

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संतकबीर हॉस्टल, 12.30 बजे दोपहर

संतकबीर हॉस्टल में नल पोस्ट पर एक ही नल पर कतार में स्टूडेंट्स लगे दिखाए दिए। पता चला कि एक ही नल से पानी आ रहा है। स्टूडेंट्स ने बताया कि हॉस्टल में दो आरओ मशीन लगाए गए हैं, लेकिन अक्सर एक खराब ही रहता है। वाटर पोस्ट के सारे नल काम नहीं करते इस कारण दिक्कत होती है। प्रॉब्लम बताने पर सुनी नहीं जाती।

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नाथ चंद्रावत हॉस्टल, दोपहर 12.50 बजे

नाथ चंद्रावत हॉस्टल का हाल और भी बुरा दिखा। यहां हॉस्टलर्स को पिछले एक हफ्ते से पानी ही नहीं मिल रहा है। दो आरओ लगा है लेकिन वह दिखावे का है। हॉस्टलर कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि रूम नंबर 78 में जो पानी की सप्लाई की गई है, उसकी पाइप हमेशा लीक करती हे। वहीं हॉस्टल के कर्मचारी विश्वंभर सिंह बताते हैं कि मैकेनिक को बुलाया जाता है लेकिन वह सही नहीं कर पाता। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट भी हमारी नहीं सुनता।

विवेकानंद लॉ हास्टल, दोपहर 1.20 बजे

विवेकानंद हॉस्टल में रहने वाले लॉ स्टूडेंट्स भी पानी के लिए परेशान हैं। यहां भी दो आरओ और एक एक्वागार्ड लगा है लेकिन सिर्फ एक आरओ मशीन ही काम कर रहा है। स्टूडेंट्स ने बताया कि कभी-कभी वह भी खराब हो जाता है तब मजबूरन सप्लाई का पानी यूज करना पड़ता है।

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कॉलिंग

यूनिवर्सिटी प्रशासन स्टूडेंट्स की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। पानी आज की डेट में सबसे बड़ी समस्या है। संतकबीर हॉस्टल में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई की। साइकिल स्टैंड के लिए कहा था, लेकिन कोई नहीं सुनवाई हुई।

सुमिता राय, हॉस्टलर, संत कबीर

संतकबीर हॉस्टल में कहने के लिए दो आरओ मशीन लगाए गए हैं, लेकिन एक ही मशीन काम करता है। एक तो संतकबीर हॉस्टल के स्टूडेंट्स यहां किसी तरह से पानी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन एनसी हॉस्टल में पानी न आने के कारण स्टूडेंट्स का लोड संतकबीर में ज्यादा है।

विनय तिवारी, हॉस्टलर, संत कबीर

मैं एनसी हॉस्टल में रहता हूं, लेकिन पीने के पानी की सबसे ज्यादा समस्या है। यहां के कर्मचारी अपनी तरफ से प्रयास करते हैं, लेकिन जो भी मैकेनिक आता है वह समस्या को दूर नहीं कर पाता है। वीसी भी आए थे, आश्वासन देकर चले गए।

सूरज कुमार वर्मा, हॉस्टलर, एनसी हॉस्टल

पानी की सबसे ज्यादा समस्या है। दो आरओ मशीन लगे हैं लेकिन काम नहीं करते हैं। बर्तन धुलने के लिए हमें इंडिया मार्का नल तक जाना पड़ता है। कई बार तो संतकबीर हॉस्टल में पानी लेने के लिए जाना पड़ता है।

आशीष पांडेय, हॉस्टलर, विवेकानंद हॉस्टल

वर्जन

स्टूडेंट्स की जो भी समस्या है उसे दूर कराया जाएगा। आखिरकार क्या वजह है कि आरओ मशीन खराब है और उसे ठीक नहीं कराया गया है। इसके लिए इंजीनियर से बात की जाएगी।

अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू