- इंदौर की तर्ज पर शहर में भी प्लांट लगाने की तैयारी

- निगम की ओर से प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा शासन

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LUCKNOW: एक तरफ जहां सूखे कचरे से बिजली बनाने की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ जल्द ही घरों से निकलने वाले गीले कचरे से गैस और डीजल बनाने पर भी मंथन शुरू कर दिया गया है। यह कदम इंदौर की तर्ज पर उठाया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही निगम की ओर से प्लांट लगाने संबंधी प्रस्ताव तैयार करके शासन के पास भेजा जाएगा। शासन से अनुमति मिलते ही इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए जाएंगे।

इंदौर में देखा प्लांट

हाल में इंदौर में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। इस वर्कशॉप में देशभर से मेयर शामिल हुए थे। लखनऊ मेयर संयुक्ता भाटिया भी वर्कशॉप में गई थीं। इस दौरान उन्होंने इंदौर में कई प्लांट देखे थे। जिसमें ऐसे प्लांट भी शामिल थे, जिनकी मदद से गैस और डीजल बनाया जाता है। वहां मेयर ने यह भी जानकारी हासिल की थी कि गीले कचरे की मदद से गैस और डीजल बनाया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने प्लांट का संचालन करने वाले अधिकारियों से भी खासी जानकारी प्राप्त की थी।

प्लांट लगाने की तैयारी शुरू

इंदौर की तर्ज पर ही शहर में भी ऐसे प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है, जिसकी मदद से गैस और डीजल बनाया जा सके। हालांकि इन प्लांट को स्थापित करने से पहले शासन की अनुमति बेहद आवश्यक है। इसके साथ ही ऐसे प्लांट को संचालित करने के लिए विशेषज्ञों की भी जरूरत पड़ेगी। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ही निगम की ओर से प्लांट लगाए जाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा। इससे पहले मेयर की ओर से निगम अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी। जिससे सही तस्वीर सामने आ सके।

गीले कचरे पर फोकस

अब प्लांट लग जाता है तो गीले कचरे की खासी जरूरत पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि गीले कचरे की मदद से ही गैस और डीजल बनाया जाएगा। निगम अधिकारियों को घरों से निकलने वाले गीले कचरे का शतप्रतिशत संग्रहण कराना होगा। इसे ध्यान में रखते हुए ईकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों के साथ भी बैठक की जाएगी। जिससे हर घर से गीला कचरा एकत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं, लोगों को यह भी बताया जाएगा कि गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखे। अगर सूखा और गीला कचरा मिल जाएगा तो गैस और डीजल बनाने का सपना सार्थक नहीं हो सकेगा।

इतना आसान नहीं

भले ही इंदौर की तर्ज पर शहर में प्लांट लगाने की तैयारी हो रही हो, लेकिन एक कड़वा सच यह भी है कि इस समय शहर के करीब 60 फीसदी इलाकों से कचरा कलेक्ट नहीं हो रहा है। अगर इस स्थिति में सुधार नहीं आता है तो प्लांट स्थापित करना बड़ी चुनौती होगा।

वर्जन

इंदौर की तर्ज पर शहर में भी ऐसे प्लांट लगाए जाने की प्लानिंग हो रही है, जिनकी मदद से गैस और डीजल बनाया जा सके। इस संबंध में जल्द ही प्रस्ताव तैयार कराकर शासन के पास भेजा जाएगा।

संयुक्ता भाटिया, मेयर