- 32 वर्षो में अब संजय कम्युनिटी हॉल का टैक्स हो चुका है करीब 10 करोड़ रुपए

- बीडीए के नाम कटा टैक्स का बिल, बीडीए ने कहा भवन स्वामी ही अदा करेगा टैक्स

BAREILLY:

बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी को हाउस टैक्स का नोटिस थमाकर नगर निगम खुद ही घिर गया। पिछले 32 वर्षो से साल दर साल जुड़ते जा रहे हाउस टैक्स को अदा करने में बीडीए ने असमर्थता जताई है। हाउस टैक्स भवन स्वामी से अदा करने को कहा है। वहीं, ऐसे में नगर निगम अब बीडीए के सवालों का जवाब तैयार करने में जुट गया है। वहीं, लाखों रुपए का हाउस टैक्स बीडीए से ही वसूलने की बात नगर निगम के अधिकारियों ने कही है।

ऐसे तो नहीं होगा संचालन

बीडीए वीसी डॉ। सुरेंद्र कुमार के मुताबिक नगर निगम उन्हें हाउस टैक्स या कोई भी टैक्स नहीं मांग सकता है। क्योंकि नियमानुसार भवन स्वामी नगर निगम है, जिसे टैक्स अदा करना चाहिए। पर वह नगर निगम के अधिकारी खुद से टैक्स भुगतान करने के बजाय जबरन बीडीए के नाम बिल बाउचर काट रहे हैं। पिछले दिनों टैक्स के मामले पर बोर्ड बैठक में भी कमिश्नर के समक्ष मामला रखा गया था। जिसके बाद भी उन्होंने करीब करोड़ों का टैक्स थमा दिया है। कहा कि हम संचालन करते हैं पर ऐसे संचालन संभव नहीं हो पाएगा। नगर निगम संचालन का जिम्मा बीडीए से वापस ले सकता है। क्योंकि इसमें मुनाफा नहीं है।

10 करोड़ का है टैक्स

नगर निगम के मुख्य कर अधीक्षक आरके सोनकर ने बताया कि वर्ष 1983 में नगर निगम ने बीडीए को संजय कम्युनिटी हॉल को बनाने के लिए बजट सौंपा था। वर्ष 1984 में बीडीए ने संजय कम्युनिटी हॉल का निर्माण कार्य पूरा कर इसे नगर निगम को हैंडओवर कर दिया। पर संजय कम्युनिटी हॉल के संचालन, क्रियान्वयन, मेंटीनेंस की जिम्मेदारी बीडीए के पास है। बीडीए से हाउस, सीवर और वाटर टैक्स वसूले जाने का करार हुआ था। जिसके बाद से बीडीए ही इसका संचालन कर रहा है और आयोजनों की रकम खुद रख रहा है। पर टैक्स अदा करने से बच रहा है। टैक्स की रकम 10 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।

वर्ष 2012 में हुआ था सील

संजय कम्युनिटी हॉल के टैक्स की वसूली की शुरुआत बीडीए से कई वर्षो तक बंद रही। पर वर्ष 2010 में पहली नोटिस बीडीए को जारी की गई थी। दो वर्ष तक टैक्स की नोटिस समेत सीज किए जाने की चेतावनी के बाद भी बीडीए ने टैक्स अदा नहीं किया। तत्कालीन नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने सीलिंग की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कुछ दिनों तक सील करने के बाद तत्कालीन डीएम और कमिश्नर के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई को वापस ले लिया गया। पर इसके बाद भी बीडीए ने टैक्स अदा नहीं किया गया। वर्ष 2014 तक टैक्स की रकम 8 करोड़ थी। जो अब 12 परसेंट ब्याज की दर से 10 करोड़ पहुंच चुका है।

हॉल बुक करने का चार्ज

- वर्ष 1983 में शुरू हुआ निर्माण कार्य

- नगर निगम ने बीडीए से कराया निर्माण

- वर्ष 1984 से बीडीए कर रहा संचालन

- बीडीए वसूलता है आयोजनों का चार्ज

- शादी विवाह के आयोजन का 35 हजार रुपए

- कला, रंगमंच के आयोजन का 15 हजार रुपए

- सरकारी गतिविधि, राजनीतिक आयोजन का शून्य

एक नजर में

- वर्ष 1985 से बुक हो रहा है कम्युनिटी हॉल

- वर्ष 2010 में थमाया गया था 1 करोड़ का बिल

- वर्ष 2012 में नगर निगम ने हॉल किया था सील

- वर्ष 2013 में फिर से बीडीए को मिला संचालन

- वर्ष 2015-16 में 8 करोड़ का था हाउस टैक्स

- वर्ष 2017 में 12 परसेंट लगा ब्याज, 10 करोड़ टैक्स

भवन स्वामी नगर निगम है। नियमानुसार उसे टैक्स का नोटिस ही नहीं देना चाहिए। अगर दिया है तो वह भवन स्वामी अदा करेगा। जो कि नगर निगम हो अदा करना चाहिए।

डॉ। सुरेंद्र कुमार, वीसी, बीडीए

बीडीए नियमानुसार बात नहीं कर रहा है। नजूल की जमीन पर बीडीए ने निर्माण किया और संचालन कर चार्ज वसूल रहा है। टैक्स बीडीए को अदा करना होगा। हम जवाब देंगे।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त, नगर निगम