90

प्रतिशत लोगों ने रेट बढ़ने के बाद नहीं जमा किया है हाउस टै1स

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हजार लोगों को नगर निगम की ओर से 5ोजा गया है नोटिस

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दिन में टै1स जमा नहीं करने पर कुर्की की दी गई चेतावनी

2015

में प्रदेश सरकार की नई नियमावली को इलाहाबाद में लागू किया गया था

19

हजार से अधिक कॉमर्शियल 5ावन स्वामियों ने टै1स जमा नहीं किया

48

करोड़ रुपये टै1स वसूली का लक्ष्य निर्धारित है 2017-18 में कॉमर्शियल और आवासीय 5ावनों से

30 करोड़ रुपये की ही अब तक वसूली की जा सकी है

28

करोड़ रुपये की वसूली अब महज तीन माह में करने का है टार्गेट

कॉमर्शियल और आवासीय हाउस टै1स बकाएदारों को 5ोज रहे नोटिस

ALLAHABAD: निकाय चुनाव समाप्त होते ही कॉमर्शियल और हाउस टै1स का विवादित मुद्दा एक बार फिर जिंदा हो गया है। जिन लोगों ने कॉमर्शियल और रेजीडेंशियल हाउस टै1स जमा नहीं किया है और इंट्रेस्ट के साथ टै1स एक ला2ा रुपये या उससे अधिक पहुंच गया है, उन्हें नगर निगम की ओर से नोटिस 5ोजा जा रहा है। करीब दस हजार 5ावन स्वामियों का नोटिस तैयार करने के साथ ही दो हजार 5ावन स्वामियों को नोटिस 5ोजा ्रगया है। इसमें एक सप्ताह के अंदर टै1स जमा न करने पर कुर्की की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

90 प्रतिशत ने जमा नहीं किया टै1स

नगर निगम सदन इलाहाबाद की स्वीकृति से वित्तीय वर्ष 2015 में प्रदेश सरकार की नई नियमावली को लागू किया गया था। इसके अनुसार कॉमर्शियल हाउस टै1स कई गुना बढ़ गया था। इसे लेकर कई महीने तक जमकर आंदोलन चला। जबर्दस्त विरोध 5ाी हुआ। राजनीतिक दलों के साथ ही तमाम संगठनों की ओर से कॉमर्शियल हाउस टै1स जमा न करने की अपील की गई। इसकी वजह से करीब 19 हजार से अधिक कॉमर्शियल 5ावन स्वामियों ने टै1स जमा नहीं किया। बड़ी सं2या में लोगों ने आवासीय 5ावनों का टै1स 5ाी जमा नहीं किया। जबकि सरकार और नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा प्रस्तावित टै1स की दर में कोई राहत नहीं दी गई। इसकी वजह से अब चक्रवृद्धि 4याज दर लगने पर टै1स कई गुना अधिक बढ़ गया है।

बॉ1स

48 करोड़ लक्ष्य 30 करोड़ वसूली

नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में कॉमर्शियल और आवासीय 5ावनों से 48 करोड़ रुपये टै1स वसूली का लक्ष्य निर्धारित कर र2ा है। अ5ाी तक केवल 30 करोड़ रुपये वसूला जा सका है। तीन महीने के अंदर यानी मार्च तक 28 करोड़ रुपये हाउस टै1स वसूलने का टार्गेट है। इसीलिए टै1स डिपार्टमेंट का पूरा फोकस अब वसूली पर है।

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कॉमर्शियल टै1स का पुराना सिस्टम

दुकान का कार्पेट एरिया गुणे 12 गुणे मासिक किराया दर गुणा कंस्ट्र1शन मूल्य का सात प्रतिशत। इस कैल्कुलेशन से निकलती थी एनुअल रेंटल वैल्यू। एनुअल रेंटल वैल्यू का 11 प्रतिशत है कॉमर्शियल भवन टै1स।

नई नियमावली में ऐसे बढ़ा टै1स

नई नियमावली में 5ाी टै1स पुराने तरीके पर ही निकाला जाता है, लेकिन इसमें बिजनेस, लोकेशन, एरिया आदि के नाम पर पांच से दस गुना तक टै1स को बढ़ा दिया जाता है। इसी को लेकर विरोध हो रहा है। इसे ऐसे समझ सकते हैं। यदि आपकी दुकान 500 वर्गमीटर में है तो नगर निगम इसमें 2.40 से गुणा करेगा। जो गुणनफल आएगा उसमें फिर 12 से गुणा किया जाएगा और इसके गुणनफल में 5 से गुणा किया जाएगा। इसके बाद आए गुणनफल का 11 प्रतिशत पुरानी नियमावली के तहत हाउस टै1स होता था। नई नियमावली यह पांच से दस गुना तक बढ़ सकता है।

कॉमर्शियल हाउस टै1स की संशोधित नियमावली को लागू करने और टै1स के बोझ से लोगों को राहत दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोग टै1स जमा न करें। लोगों से पहले 5ाी यही अपील की गई थी कि टै1स जमा कर दें, जो 5ाी संशोधन होगा, उसका ला5ा स5ाी को मिलेगा। रही बात टै1स पर इंट्रेस्ट की, तो इसका अधिकार नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन के पास नहीं है।

अ5िालाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम इलाहाबाद

वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब केवल तीन महीना बचा है। इसलिए पूरा फोकस बकाया वसूली पर है। लोग टै1स जमा नहीं कर रहे हैं, इसलिए कुर्की कार्रवाई ही अंतिम आप्शन है। कुर्की की कार्रवाई के लिए ही नोटिस 5ोजा जा रहा है। टै1स तो स5ाी को देना होगा।

पीके मिश्रा

मु2य कर निर्धारण अधिकारी