घोसीपुर की जमीन पर खेती कर रहे किसान, आवास-विकास ने झाड़ा पल्ला

Meerut। आवास-विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 खुद आवास-विकास के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। करीब 16 साल बाद आवास विकास इस योजना का मुआवजा देने के बाद भी किसानों से पूरी तरह से कब्जा नही ले सका है। राष्ट्रोदय समागम के बहाने किसानों की जमीन पर प्रशासन ने जबरन कब्जा दिलाया भी, लेकिन आवास-विकास अब उस कब्जे को बचाए रखने में भी नाकाम साबित हो रहा है।

किसकी जमीन पर हो रही खेती

किसान आवास विकास की जमीन पर लगातार खेती करते हुए अपना दायरा बढ़ा रहे हैं ऐसे में आवास विकास उस जमीन को खाली कराने के बजाए अपनी जमीन पर खेती से ही इंकार कर रहा है। आवास विकास के अधिकारियों के अनुसार जिस जमीन पर खेती हो रही वह एक्सटेंशन के दायरे से बाहर है किसानों की जमीन है।

जमीन की पैमाईश पर उठे सवाल

ईएक्सईएन प्रमोद सिंह ने कहाकि किसानों द्वारा एक बार मुआवजा लेने के बाद भी दोबारा मुआवजे की मांग की जा रही है ऐसे में जिस जमीन का भुगतान किया जा चुका है उसका दोबारा भुगतान नही होगा। ऐसे में अब आवास विकास पैमाइश कर अपनी जमीन को दोबारा पुख्ता करेगा।