- मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर की कान्हा श्याम अपार्टमेंट में 6वीं मंजिल से गिर कर मौत

- दिव्यांग होने के बाद पेट की बीमारी से भी थीं परेशान, तीन दिन पहले ही अपार्टमेंट में शिफ्ट हुई थीं

-साथ सुसाइड नोट में लिखा, मुझे पता है कि यह गुनाह है लेकिन जिंदगी और अपने आप से हार चुकी हूं

- पति ने मेडिसिन डिपार्टमेंट हेड पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, हेड ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

KANPUR: बहुत मुश्किल हो रहा है जो लिखना चाहती हूं, लेकिन हाथ नहीं चल रहा। बहुत मजबूर होकर यह कदम उठा रही हूं। जिंदगी और अपने आप से हार चुकी हूं। अपने आप को संभालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। आप बहुत अच्छे इंसान हैं मैं आपसे बहुत प्यार और सम्मान करती हूं मुझे पता है कि इस तरह खत्म हो जाना बहुत बड़ा गुनाह है,लेकिन मैं भगवान का नाम लेकर यह फैसला कर रही हूं कुछ समय से देख रही हूं कि सूर्याश मन की बहुत जल्दी पढ़ लेता है अब वो बड़ा होने लगा हैयह शब्द उस सुसाइड नोट के हैं जोकि कल्याणपुर स्थित कान्हा श्याम अपार्टमेंट की 6वीं मंजिल से गिरने वाली मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अशर्फी त्रिपाठी ने लिखे। हालांकि सवाल कई हैं जिनके जवाब मिलने बाकी हैं, लेकिन दो दिन पहले आराम से हैलट में मरीजों का इलाज करने वाली मेडिकल कॉलेज की यह सीनियर डॉक्टर क्या खुद इतनी बीमार हो चली थी कि जीने की चाह खत्म हो गई। उनके पति का तो यही कहना है। पुलिस भी यही कह रही हैं। इन सबके बीच एक सवाल यह भी है कि एक पैर से दिव्यांग व कद-काठी में बेहद छोटी डॉ। अशर्फी सच में 3 फीट ऊंची गैलरी की दीवार पार करके 6वीं मंजिल से छलांग लगा सकती हैं?

हर चुनौती को किया फेस

मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अशर्फी त्रिपाठी को इंटर्नल मेडिसिन में महारथ थी। वह दायें पैर से दिव्यांग थीं और आर्टीफिशियल लेग लगाती थीं। वह मूल रूप से आगरा की रहने वाली थीं। 2010 से मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी थीं। उन्होंने 2005 में सेना से रिटायर हुए उमेश कुमार से लव मैरिज की। जिसके बाद एक बेटा सूर्याश भी हुआ जो जैन इंटरनेशनल स्कूल में क्लॉस-1 में पढ़ता है। फिजिकली चैलेंज्ड डॉ। अशर्फी ने पढ़ाई से लेकर जीवन की हर चुनौती को बखूबी फेस किया और उस जीत पाई। तीन साल पहले पति ने कल्याणपुर में ही बेटे के नाम से एक नर्सिग होम भी खोला था। डॉ.अशर्फी कुछ दिनों से बीमार थीं, एक ऑपरेशन भी हो चुका था। मेडिकल कॉलेज कैंपस में ही रह रही थीं लेकिन वहां के माहौल से कुछ दिनों से परेशान भी थीं। तो 3 दिन पहले कल्याणपुर स्थित कान्हा श्याम अपार्टमेंट की 6वीं मंजिल पर एक फ्लैट किराए पर लिया और वहां शिफ्ट हो गई।

ऑपरेशन के बाद से थीं परेशान

पति उमेश के मुताबिक डॉ। अशर्फी को आंतों में कुछ प्रॉब्लम थी। उनका कुछ महीनों पहले काकादेव में डॉ। बृजेंद्र सिंह ने ऑपरेशन भी किया था, लेकिन परेशानी कम नहीं हुई। इस बात को लेकर वह काफी परेशान रहती थीं। फ्राईडे रात को दोनों आराम से बातचीत कर सोए। सुबह 4 बजे पानी पीने को उठे तो डॉ। अशर्फी उनके बगल में ही सो रही थीं। उसके बाद 6 बजे जब वह उठे तक वह बेड पर नहीं थीं। पूरे घर में देखा लेकिन उनका पता नहीं चला तभी अपार्टमेंट में रहने वाले कुछ लोगों ने डॉ। अशर्फी का शव नीचे पड़ा होने की जानकारी दी तो उनके होश उड़ गए।

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एक अपार्टमेंट, 6 महीने, 6वीं मंजिल, तीन सुसाइड

कल्याणपुर स्थित कान्हा श्याम अपार्टमेंट में बीते 6 महीनों में गिर कर मरने की यह तीसरी घटना है। यह महज इत्फिाक हैया कुछ और कि तीनों मौतें 6वीं मंजिल से ही गिरने की वजह से ही हुई। डॉ। अशर्फी की मौत से एक महीने पहले गौतम गुलाटी की भी 6वीं मंजिल से गिर कर मौत हो गई थी। इस बात को लेकर अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों में भी अजीब तरह का एक डर समा गया है।

हेड पर प्रताड़ना का आरोप

वहीं जब डॉ। अशर्फी का शव पोस्टमॉर्टम के लिए पीएम हाउस पहुंचा तो वहां मेडिकल कॉलेज के भी कई डॉक्टर्स आए। यहां पति उमेश कुमार ने बातचीत के दौरान मेडिसिन विभाग की प्रभारी पर डॉ। अशर्फी को प्रताडि़त करने और हमेशा नाइट ड्यूटी लगाने का आरोप लगाया। हांलाकि मेडिसिन विभाग की नोडल प्रभारी डॉ। रिचा गिरि ने इससे साफ इंकार करते हुए कहा कि वह मेरे पास आई थीं और दो दिन की छुट्टी मांगी थी जो मैंने दे दी। उन्होंने अपनी ओपीडी भी ठीक से की। उन्हें पेट की टीबी की शिकायत थी जिसका ऑपरेशन भी हुआ था। आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।

वर्जन-

मामला सुसाइड का लग रहा है, मैंने खुद मौके पर पहुंच कर जांच की थी। गैलरी के पास से जहां से वह गिरीं, वहां एक सीढ़ी भी है। सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जरूरत पड़ी तो उसकी जांच भी कराई जाएगी।

- संजीव दीक्षित, सीओ कल्याणपुर

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सुसाइड पर भी कई सवाल-

- अशर्फी त्रिपाठी बेहद कम हाइट की थीं। 6वीं मंजिल की गैलरी 3फीट से ज्यादा ऊंची है। एक पैर से दिव्यांग होने की वजह से वह ठीक से चल भी नहीं पाती थीं तो फिर उन्होंने छलांग कैसे लगाई?

- शव को पहली बार देखने वालों के मुताबिक डॉ। अशर्फी का शव सीधे पड़ा था। अगर उन्होंने छलांग लगाई तो शव उल्टा पड़ा होता?

- डॉ। अशर्फी का शव बिल्डिंग से 4 मीटर की दूरी पर पड़ा था। क्या कोई दिव्यांग इतनी तेजी से छलांग लगा सकता है कि इतनी दूर गिरे?

- डॉ। अशर्फी के घर से जो सुसाइड नोट बरामद बताया जा रहा है। उसके बारे में घटना के 4 घंटे बाद तक भी पुलिस को पता नहीं था। खुद सीओ भी शुरुआत में सुसाइड नोट की बरामदगी से इंकार कर चुके थे।

- डॉ। अशर्फी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके सिर की हड्डी टूटने से मौत की पुष्टि हुई। फिजिकली बेहद कमजोर महिला के 6वीं मंजिल से गिरने से क्या सिर्फ एक ही हड्डी टूटेगी?