-स्वतंत्रता का जश्न मनाएं पर नहीं भूले तिरंगे की शान

-तिरंगे का सम्मान और संरक्षण, हर भारतीय का फर्ज

Meerut : 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर हर कोई सराबोर है। तमाम लोग आजादी का जश्न मनाने के लिए तिरंगा फहराते हुए नजर आ जाएंगे। हाथ में तिरंगा थामे देश के हर नागरिक को मालूम होना चाहिए कि देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगा को फहराने के नियम निर्धारित किए गए है। इस कानून के अंतगर्त अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसको जेल भी हो सकती है। बेहतर हो कि हम तिरंगा फहराने के नियमों को जान लें।

राष्ट्रध्वज का करें सम्मान

1-तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या खादी के कपड़े से ही बना होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।

2-कभी भी कटा-फटा या क्षतिग्रसत झंडा नहीं फहराना चाहिए।

3-आपको पता है तिरंगा का एक फिक्स्ड साइज और शेप भी है। तिरंगा हमेशा रेक्टेंगल शेप का होना चाहिए जिसका रेशियो 3*2 में होना चाहिए।

4-झंडे का इस्तेमाल किसी भी प्रकार के यूनिफार्म या डेकोरेशन के सामान में करना दंडनीय अपराध है।

5-झंडे पर कुछ भी लिखना या बनाना गैर कानूनी माना गया है।

6-झंडे का प्रयोग किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट, प्लेन या फिर बिल्डिंग को ढ़कने में नहीं किया जाना चाहिए।

7-कानून के हिसाब से जमीन पर तिरंगा कभी भी नहीं छूना चाहिए।

8-कानून में लिखा गया है कि अगर तिरंगा फट जाए या फिर गंदा हो जाए तो उसको किसी एकांत जगह पर नष्ट कर देना चाहिए।

9-झंडा सिर्फ और सिर्फ किसी राष्ट्रीय अवसर पर ही आधा झुका हुआ रहता है।

10-कानून के अनुसार किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ना तो ऊपर और ना ही बराबर के लेवल पर रखा जा सकता है।

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फ्लैग कोड ऑफ इंडिया में राष्ट्रीय ध्वज के फहराने के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है कि वो फ्लैग कोड ऑफ इंडिया अनुपालन करे। प्रशासन की ओर से इस बाबत कोई एडवाइजरी जारी नहीं की जाती है।

केशव कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट, मेरठ