PATNA: बिहार सरकार एवं बिहार राज्य आवास बोर्ड से हाईकोर्ट ने पटना स्थित आवास बोर्ड के सारे फ्लैटों की जानकारी मांगी है। एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एक महीने में आवास बोर्ड को यह बताने को कहा है कि उसके अधीन कितने फ्लैट हैं? इन फ्लैटों की मौजूदा स्थिति कैसी है? अर्थात कितने पर अवैध कब्जा है?

किसके हिस्से में कितनी संपत्ति, नहीं पता

उच्च न्यायालय में दाखिल लोकहित याचिका में अधिवक्ता मणि भूषण प्रताप सेंगर ने कहा कि ख्000 में बिहार एवं झारखंड अलग हो गया, लेकिन यह सूची नहीं बन पाई कि दोनों राज्यों के हिस्से में संपत्ति आई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सोमवार की। याचिकाकर्ता का कहना था कि पटना में आवास बोर्ड के पास 7म्08 फ्लैट हैं। इसमें से ब्फ्00 फ्लैट ही आवंटित हैं। बाकी फ्लैटों के बारे में आवास बोर्ड भी नहीं बता पा रहा है। इस आरोप पर कोर्ट ने आवास बोर्ड को यह बताने को कहा कि बोर्ड द्वारा कितने फ्लैटों को आवंटित किया गया है। कितने फ्लैट विवादित हैं। जिन फ्लैट पर अवैध कब्जा है उस पर आवास बोर्ड किस प्रकार की कार्रवाई कर रहा है। हालांकि इसके पहले भी एक शपथपत्र आवास बोर्ड ने दाखिल किया था लेकिन कोर्ट ने उसे संतोषजनक नहीं माना ।