RANCHI: नक्सलियों के पास पुलिस का कारतूस कैसे पहुंच रहा है। इसको लेकर झारखंड पुलिस विभाग के कान खड़े हो गए हैं। जी हां, रांची पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर नक्सलियों के पास पहुंचाए जा रहे इंसास के फ्फ्0 कारतूस सोमवार को तो जब्त किए थे। मौके से दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। लेकिन, अब सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस के कारतूस नक्सलियों को सप्लाई करने वाला मास्टरमाइंड कौन है। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग में ही ऐसे कुछ लोग हैं, जो कारतूस कलेक्ट कर नक्सलियों को सप्लाई कर रहे हैं।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं खेप

क्। आतंकियों को जा रही थी भ्7 गोलियों की खेप

क्फ् अगस्त, ख्0क्भ्: आर्मी इंटेलिजेंस की गुप्त सूचना पर नामकुम पुलिस ने खादगढ़ा से रनिया जा रही अशाद बस से भ्7 पीस गोलियां बरामद की थी। ये गोलियां एक बैग में भरी हुई थीं, पर यह पता नहीं चल पाया था कि ये बैग किसका है? पुलिस को सूचना मिली थी कि चान्हो से एक युवक दो बैग लेकर अशाद बस (जेएच0क्एए 8ब्फ्फ्) में बैठा है, जो रनिया जा रहा है। उसके बैग में हथियार और गोलियां हैं। बस जैसे ही खादगढ़ा बस स्टैंड से निकली, पुलिस ने उसका पीछा किया और नामकुम ओवरब्रिज के पास बस को रुकवा लिया गया। इसके बाद पुलिस ने बस एक बैग बरामद किया, जिसमें भ्7 पीस गोलियां थीं। जानकारी के अनुसार, गोलियां आतंकियों को सप्लाई होनी थीं।

ख्। एके-ब्7 व इंसास की क्8फ् गोलियां जब्त

ख्ब् नवंबर, ख्0क्ब्: रांची पुलिस ने लोहरदगा ट्रेन से क्8फ् सरकारी गोलियों के साथ दो पीएलएफआई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। कारतूस एके-ब्7 तथा इंसास के थे। तलाशी के क्रम में उनके पास से कई लोगों के पहचान पत्र, चार मोबाइल फोन, एक पिट्ठू और सामान की लिस्ट भी जब्त की गई थी। उस वक्त सिटी एसपी के तौर पर अनूप बिरथरे थे। गिरफ्तार उग्रवादी मनोज कुमार गोप और योगेंद्र पासवान उर्फ छोटू पीएलएफआई से जुड़े हैं। ये दोनों चुटिया के मचकुन टोली में एक साल से किराए के मकान में रह रहे थे और गोली सप्लाई कर रहे थे। छानबीन में सामने आया था कि कारतूस तोरपा में पीएलएफआई के जोनल कमांडर अर्जुन को सप्लाई होना था। पहले भी ये लोग एरिया कमांडर चरकू मुंडा को गोली और बारूद पहुंचा चुके थे।

नहीं पकड़ाया जैप वन का आशीष: गिरफ्तार उग्रवादियों ने बताया कि जैप वन परिसर में रह रहे आशीष गोलियों की सप्लाई करता है। पुलिस को उस वक्त आशीष का मोबाइल नंबर भी मिला था, पर उसने सिम तोड़ कर फेंक दिया था। इसके बाद अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

क्वोट

पुलिस पूरी वस्तुस्थिति पर नजर रख रही है। इन कारतूस का सप्लायर कौन है और कौन-कौन इस धंधे में जुडे़ हुए हैं। इसकी छानबीन की जा रही है।

-कौशल किशोर, एसपी, सिटी, रांची।