6 माह पहले ही हो गई थी बुकिंग
सहालग के दिनों में शहर में सभी प्रमुख जगहों पर गेस्ट हाउस फुल चल रहे है। इंदिरा नगर में त्रिभुवन पैलेस के मालिक राजीव त्रिपाठी ने बताया कि नवंबर-दिसंबर माह में जितनी भी सहालगें है। सब पूरी तरह से फुल है। कोई भी दिन खाली नहीं है। 4-6 महीने पहले ही बुकिंग होने लगी थी। अब तो जनवरी 2014 की सहालगों के दिन भी बुक होने शुरु हो गए है। गेस्ट हाउस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय पांडेय ने बताया कि नवंबर व दिसंबर के सहालग वाले दिन तो पूरी तरह से फुल है। लगभग पूरे शहर का ही यही हाल है।

सबका है हाल खराब
हिंदी फिल्म के इस फेमस गाने के बोल की तरह ही शादी वाले घरों का हाल हो चुका है। बैड कंपनी की जबरदस्त डिमांड है। नवंबर-दिसंबर की सहालग के लिए सिटी के ज्यादातर फेमस बैंड की बुकिंग हो चुकी है। मजबूरन वेडिंग प्लॉन कर रहे घर वाले आजा-आजा-आजा कहकर बैंड वालों को बुलाने की कोशिश कर रहे है। फिलहाल 2 माह के लिए तो कोई अच्छा बैडवाला भी आपको नहीं मिलेगा। स्वदेशी बैड के आशीष ने बताया कि नवंबर-दिसंबर की सहालगों के बैड तो बुक हो चुके है। जनवरी की सहालगों की भी जबरदस्त बुकिंग चल रही है। 20 हजार में बैड, लाइट, घोड़ी के साथ बुक हो जाती है। वहीं राजेश बैैंड कंपनी चलाने वाले सुधीर तिवारी ने बताया कि बैड की जबरदस्त बुकिंग है। अब तो ये आलम है कि लोग शादी की तारीख बाद में तय करते है। पहले शादी का प्लेस व बैड बुक करते है।

कैटर्स भी खाली नहीं
सहालग के इस सीजन में कैटर्स भी खाली नहीं हैं। सहालग के दिनों में कैटरिंग वालों की जबरदस्त डिमांड है। गोपाल कैटरिंग के मालिक गोपाल सिंह ने बताया कि नवंबर-दिसंबर के सहालग वाले दिनों में एक-एक दिन में कई बुकिंग है। एक भी दिन खाली नहीं है। खाने की क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए ज्यादा ऑर्डर ही नहीं ले रहे है।

थीम खूब पसंद आ रही हैं
तृषा इवेंट्स के मुकेश सक्सेना ने बताया कि आजकल मैरिज पार्टियों में जोधा-अकबर थीम खूब पसंद की जा रही है। इसमें मैरिज कपल को अकबर व जोधा की तरह सजाया जाता है। इसके लिए अलग से पॉर्लर वाले भी लगते है। अजीमुश्शान शहंशाह के कलेवरों को आजकल खूब पसंद किया जा रहा है। यूथ इन ऐतिहासिक किरदारों के लुआब के दीवाने हो रहे है। उनकी स्टाइल सभी को भा रही है। वहीं किताब थीम भी प्रचलित है। जिसमें एक किताब के अंदर पन्ने पलटने पर दुल्हन निकलती है।

इससे है यूथ का गहरा जुड़ाव
हम चाहें कितने भी आधुनिक हो जाएं। लेकिन हमारे धार्मिक संस्कार आज भी वैसे ही जीवित है। मैरिज पार्टियों में मंदिर थीम की भी जबरदस्त डिमांड है। जिसमें 18 फिट ऊपर घेरे में भागवत धुनों के बीच कपल वर माला पहनाते है। यूथ इस थीम को बहुत लाइक करते है। धार्मिक कल्चर युवाओं के मन में अभी भी जिंदा है।

बेला के फूलों का छाता
स्वदेशी बैड के आशीष बताते है कि आजकल शादियों में बैड के साथ बेला के फूलों से बने छाते का जबरदस्त क्रेज है। जिसके चलते हुए दूल्हा अपने आप को किसी रियासत का राजा ही समझता है। बैड में ये नया ट्रेड काफी चर्चित है। उन्होंने बताया कि बांगरमऊ, हरदोई, घाटमपुर, फतेहपुर आदि इलाकों से बैड वाले कारीगर आते है।

इनकी है जबरदस्त चांदी
सहालग के दिनों में कैटरिंग की भीषण किल्लत होने के चलते हलवाईयों की जबरदस्त डिमांड हो गई है। मौके का फायदा उठाकर हलवाईयों ने भी अपने काम के लिए जबरदस्त रेट बढ़ा दिए हैं। ग्वालटोली में हलवाई व कैटरिंग दोनों का काम करने वाले कामता प्रसाद बताते है कि सहालग के दिनों में कई जगहों पर बुकिंग है। लेबर बढ़ाने पड़ रहे है। हाल ये है कि लेबर मिल ही नहीं रहे हैं।

18 से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पं। संतोष पाधा ने बताया कि 18 नवंबर से विवाह मुहूर्त शुरु हो जाएंगे। जो आगामी चार महीने तक रहेंगे। उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी है। जिसके बाद से वैवाहिक कार्यक्रम शुरु हो जाते है। 18 नवंबर को पहली सहालग पड़ रही है। इसके बाद चार माह तक सहालग रहेंगी। उन्होंने बताया कि विवाह मुहूर्त का विचार करते समय लडक़े का सूर्य व कन्या का बृहस्पति देखा जाता है। मंगल भी खास प्रभाव रखता है।

दो महीनों के विवाह मुहूर्त
नवंबर    18, 19, 20, 25, 26, 28, 29, 30
दिसंबर    6, 10, 16, 19, 27