Stop killing your Android phone :-
आमतौर पर रैम बूस्टर्स और टॉस्क किलर्स जैसे एप्स को लेकर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती. एक आम आदमी इन एप को सिर्फ स्मार्टफोन की परफॉर्मेस गेन करने के लिए यूज करते हैं. वैसे बाहरी रूप से यह एप काफी मदद तो करते हैं, लेकिन इनको अच्छी तरह से चेक करने पर कुछ और ही पता चलता है. ये जितना फायदा नहीं पहुंचाते हैं, उससे ज्यादा फोन को नुकसान होता है. तो कभी भी अपने फोन में ऐसे एप्स इंस्टॉल न करें.

How Android Handles RAM :-

सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि, एंड्रायड ओएस किस तरह रैम को हैंडल करता है. जैसा कि आप जानते हैं कि RAM (random access memory) यह एक फॉस्ट स्टोरेज सिस्टम होता है, जो टंपरेरी तौर पर वर्क करता है. फोन पर जब कोई एप एक्सेस किया जाता है, तो वह रैम पर ही रन करता है. ऐसे में एक साथ कई एप एक्सेस करने पर रैम में जगह नहीं बचती और फोन हैंग करने लगता है. वहीं ओएस का काम रैम को एप एसाइन करना होता है, ताकि वह एक ऑप्टिमल तरीके से एप्स को एक्सेस करा सके.

To Avoid RAM Boosters & Task Killers :-
जैसा कि बताया जा चुका है कि, रैम बूस्टर्स और टॉस्क किलर्स एंड्रायड परफॉर्मेंस में किसी तरह की हेल्प नहीं करते, बल्िक उसको नुकसान जरूर पहुंचा सकते हैं. रैम बूस्टर्स के जरिए कोई यूजर्स रैम से एप्स को क्िलयर करता है, तो ओएस उसको फिर से रैम पर लोड कर देता है ताकि इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके. ऐसे में रैम की जगह तो फुल ही रहती है, तो यहां रैम बूस्टर्स का काम फालतू चला जाता है. इसी तरह ऑटोमेटिक टॉस्क किलर्स रैम में रन कर रहे एप्स को क्िलयर करता है, जोकि रनिंग कंडीशन में होते हैं. हालांकि यह एप्स को बंद तो कर देता है लेकिन इससे फोन की बैटरी लाइफ पर बुरा असर पड़ता है.

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