एक सुरक्षा फ़र्म इसेट ने रैनसमवेयर वायरस के पहले मामले की पुष्टि की है जो एंड्रॉयड उपकरणों में फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट (कूट रूप देना) कर के लॉक कर देता है.

इसेट की रिपोर्ट के मुताबिक़ ट्रोजन जिसे सिम्पललॉकर कहा जाता है, टैबटेल और हैंडसेट के एसडी कार्ड को अपना निशाना बनाता है और डीक्रिप्ट करने के लिए पैसे की मांग करने से पहले वो खास फ़ाइलों को गड्डमड्ड कर देता है.

पैसे की मांग करने वाला संदेश रूसी भाषा में होता है और भुगतान की राशि यूक्रेनी मुद्रा में मांगी जाती है.

एक विशेषज्ञ ने कहा कि ख़तरा उल्लेखनीय था, लेकिन सीमित स्तर पर था.

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर प्रयोगशाला से जुड़े डॉ. स्टीवन मर्डोक ने कहा, "फ़ाइल को एन्क्रिप्ट करने वाला मालवेयर एक आकर्षक आपराधिक उद्यम साबित हुआ है. इसलिए इसके नए निशाने पर एंड्रॉयड का आना अचरज में डालने वाला नहीं है."

सावधानी

उन्होंने कहा "स्मार्टफ़ोन उपयोगकर्ताओं को एप्लीकेशन स्टोर की ओर से प्रदान करने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा अन्य स्रोतों से सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने में बहुत सावधान रहना चाहिए और ज्ञात कमज़ोरियों से सुरक्षा के लिए अपने फ़ोन बनाने बाली कंपनी से सुरक्षा अपडेट मुहैया कराने के लिए दबाव डालना चाहिए."


उन्होंने कहा कि पुराने एंड्रॉयड हैंडसेट में गूगल सुरक्षा पैच लोड करने के दौरान नेटवर्क अक्सर धीमे चलता है या टूट जाता जाता है.

 

सावधान,आपके एंड्रॉयड फ़ोन का अपहरण ना हो जाए

एंड्रॉयड सेटों पर सबसे पहले एक पोर्न अलर्ट आता है और फिर कुछ खास फाइलें लॉक हो जाती हैं.

स्लोवाकिया की कंपनी इसेट ने कहा, "उपकरण मालिकों के सामने यह कहते हुए एक संदेश आता है कि उनका फ़ोन लॉक हो गया है क्योंकि उन्होंने चाइल्ड पोर्नोग्राफी जूफिलिया देखी है और उसका वितरण किया है."

इसके बाद एक निर्देश आता है जिसमें 22 डॉलर (क़रीब 1300 रुपये) राशि की मांग यूक्रेन मनीएक्सवाई कैश ट्रांसफर सिस्टम के माध्यम से की जाती है.


पहले भी हमले

संदेश में कहा जाता है, "भुगतान के बाद आपका उपकरण 24 घंटे के अंदर अनलॉक हो जाएगा. भुगतान नहीं करने की स्थिति में आपके उपकरण के अंदर मौजूद जानकारी गायब जाएगी."

सुरक्षा फ़र्म ने कहा कि एन्क्रिप्ट होने वाले फ़ाइलों में तस्वीरें, टेक्स्ट डॉक्यूमेंट, ऑडियो और विडियो आदि की फ़ाइलें हो सकती हैं.

पिछले महीने कैफ़ीन के रूप में जानी जाने वाला सिक्योरिटी शोध कंपनी ने एक ऐसे वायरस के बारे में पता लगाया था जो 300 डॉलर का भुगतान न करने पर उपकरण को बेकार कर नए एंड्रॉयड ऐप को लांच होने से रोक दिया था.

इससे पहले कम्प्यूटर सुरक्षा फ़र्म सिमेंटेक ने एक ऐसे एप्लिकेशन की सूचना दी जिसकी वज़ह से बार-बार एक पॉप अप चेतावनी आ जाती थी और जिसे बिना भुगतान के आसानी से बंद नहीं किया जा सकता था.

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