- सिटी बसों में अब तक नहीं लागू किया गया आइटीएमएस

- खराब बसों को बनाने के लिए नहीं मिल रहे है कारीगर

LUCKNOW: एक तरफ तो स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल होने पर शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने की तैयारियां चल रही है। लेकिन शहर में यातायात की बैक बोन मानी जाने वाली सिटी बसों के संचालन की खराब व्यवस्था के चलते स्मार्ट सिटी का ख्वाब पूरा होना मुश्किल लग रहा है। यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शासन ने सिटी बस प्रबंधन को ऑफ रूट बसों को ठीक कराकर इसे ऑन रोड करने के आदेश तो दे डाले। इतना ही नहीं बसों की मरम्मत के खर्च के लिए बजट भी अलॉट कर दिया गया है, इसके बावजूद इन बसों को ऑनरोड किए जाने की तैयारियां अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। बसों की मरम्मत के लिए ना मिलने वाले कारीगरों के चलते स्मार्ट सिटी का ख्वाब पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही सिटी बसों में आईटीएमएस की सुविधाएं भी लगाने के आदेश दिए लेकिन एक महीने बाद भी अभी तक सिटी बस प्रबंधन ने इस ओर से आंखे फेर रखी है।

- कबाड़ खड़ी है सिटी बसें

सिटी बस संचालन से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि बीते शनिवार को एक बैठक में सिटी बस प्रबंधन के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए। शासन के अधिकारियों ने सिटी बसों को आईटीएमएस में शामिल करने की बात कही वहीं ऑफरूट बसों को ऑन रोड करने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाने के आदेश दिए। सिटी बसों के कर्मचारियों ने बताया कि इस समय 60 सिटी बसें ऐसी है जो जिनका संचालन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा रोड पर दौड़ती सिटी बसों की मेंटीनेंस ना होने से वह भी लगातार खराब होती जा रही है। आए दिन बीच रास्ते में सिटी बसें खराब हो जाने से पब्लिक को खासी परेशानी उठानी पड़ रही हैं।

- बसों की मरम्मत के लिए नहीं मिल रहे कारीगर

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सिटी बसों की मरम्मत के लिए सिटी बस प्रबंधन को एक करोड़ की धनराशि दी गई थी। सिटी बस प्रबंधन ने इन बसों की मरम्मत के लिए कई प्रयास किए लेकिन सिटी बसों की मरम्मत के लिए कारीगर नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए दिल्ली तक सम्पर्क किया गया लेकिन वहां के कारीगर लखनऊ आकर काम करने को तैयार नहीं है। इस समय गोमती नगर और दुबग्गा डिपो में कुल 60 सिटी बसें ऐसी है जिनका संचालन नहीं किया जा रहा है। इनमें से कई बसें ऐसी थी जिन्होंने एक किमी का सफर भी नहीं तय किया और खराब हो गई। पुरानी बसों के खराब होने पर इनसे सामान निकाल कर यूज किए जाने से यह कभी चल ही नहीं सकी।

- मैनुअल हो रही है टिकटों की बिक्री

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आईटीएमएस के तहत सभी सिटी बसों में जीपीएस सिस्टम लगाए जाने थे जिससे इन बसों पर भी परिवहन निगम मुख्यालय से नजर रखी जा सके। इसके अलावा इन बसों में भी स्मार्ट कार्ड से टिकट बिकने की व्यवस्था को शुरू करने के लिए कहा गया था। लेकिन इन बसों में अभी तक मैनुअल टिकट ही यात्रियों को दिए जा रहे हैं। इसके अलावा इन बसों में भी यूपी रोडवेज की तरह ही यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। लेकिन एक महीने बाद भी सिटी बसों का संचालन अभी तक पुराने ढर्रे पर ही किया जा रहा है।

सिटी बसों की मरम्मत के लिए कारीगरों की तलाश जारी है और कई कंपनियों से सम्पर्क किया जा रहा है। सिटी बसों को जीपीएस से लैस करने और स्मार्ट कार्ड से टिकटों की सेल के लिए बात चल रही है। जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।

ए रहमान

एमडी सिटी बस प्रबंधन