- एडल्ट साइट, सोशल मीडिया पर है बैन, वाट्सएप और फेसबुक सिर्फ दो दिन कर सकते हैं इस्तेमाल

- तीन डीडीयूजीयू हॉस्टल्स के 176 स्टूडेंट्स ने ले रखा है यूजर नेम एंड पासवर्ड

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की स्मार्ट स्टडी काफी डाटा की खपत कर रही है। पढ़ाई का आलम यह है कि महज तीन घंटे में ही 25 जीबी डाटा इस्तेमाल हो जा रहा है। यह हालात तब हैं जब यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स के साथ ही एडल्ट साइट्स पर भी पाबंदी लगाई हुई है। इसमें भी सबसे ज्यादा डाटा ग‌र्ल्स हॉस्टल में खप रहा है, जहां यूजर्स की तादाद ब्वॉएज हॉस्टल से काफी कम है।

यू-ट्यूब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल

यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए एडल्ट साइट्स और सोशल मीडिया तो ब्लॉक कर रखा है, लेकिन स्टूडेंट्स वीडियो लेक्चर और दूसरे अहम वीडियो स्ट्रीम देख सकें, इसलिए उन्हें यू-ट्यूब इस्तेमाल करने की इजाजत है। बस यही यूनिवर्सिटी के लिए सबसे ज्यादा डाटा खपत की वजह बन रही है। सुबह होते ही डाटा का इस्तेमाल शुरू हो जाता है। 9 बजे से 12 बजे के बीच खपत सबसे ज्यादा है, इस दौरान रोजाना ऑन एवरेज 25-30 जीबी डेटा इस्तेमाल कर लिया जा रहा है।

176 स्टूडेंट्स ने लिया है पासवर्ड

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पांचों हॉस्टल्स में वाई-फाई की सुविधा दी गई है। यह सभी हॉस्टल्स में शुरू भी हो चुकी है। लेकिन महज तीन हॉस्टल्स से ही अभी तक स्टूडेंट्स ने यूजर नेम और पासवर्ड लिया है। इसमें भी ग‌र्ल्स हॉस्टल की बात की जाए तो अलकनंदा की स्टूडेंट्स यह फैसिलिटी अवेल कर रही हैं, वहीं ब्वॉएज में नाथ चंद्रावत और विवेकानंद हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने इस सुविधा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। टोटल 176 स्टूडेंट्स इसके लिए रजिस्टर्ड हैं।

हर स्टूडेंट को एक जीबी की परमिशन

यूनिवर्सिटी ने सभी स्टूडेंट्स को एक जीबी डाटा पर डे की परमिशन दे रखी है। इस डाटा को वह चाहे एक घंटे में इस्तेमाल कर लें या फिर पूरा दिन भर इस्तेमाल करें। लेकिन हॉस्टल के ज्यादातर स्टूडेंट्स महज तीन घंटे में ही अपने निर्धारित डाटा का इस्तेमाल कर डाल रहे हैं। जिम्मेदारों की मानें तो ज्यादातर स्टूडेंट्स के पास जियो का सिम भी है, जिस पर एक जीबी डाटा की सुविधा है। इसलिए स्टूडेंट्स वाईफाई के जरिए एक जीबी और जियो के जरिए एक जीबी डाटा इस्तेमाल कर डाल रहे हैं।

वर्जन

दो-तीन घंटे में हॉस्टलर्स 25 जीबी डाटा इस्तेमाल कर डाल रहे हैं। अभी यू-ट्यूब पर रिस्ट्रिक्शन नहीं है, लेकिन अगर बैंडविथ बढ़ती है तो इसे भी रिस्ट्रिक्ट किया जाएगा।

- डॉ। सच्चिदानंद पांडेय, इंचार्ज, कंप्यूटर सेंटर