अंग उगाने की कोशिश

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इन दिनों वैज्ञानिकों की एक टीम सुअरों के अंदर इंसानी अंग उगाने कोशिश कर रही है। वैज्ञानिकों की इस टीम के एक सदस्य डेविस का कहना है कि इंसान और सुअर के भ्रूण विकसित करने के लिए सुअर के भ्रूण में इंसानी कोशिका डाली है। इसके बाद अब इसे 28 दिन तक विकसित होने के लिए छोड़ दिया गया है। ऐसे में इंसान और सुअर के साझा इन भ्रूणों को किमेरा नाम से जाना जा रहा है। उनका कहना है कि इंसानी कोशिकाओं के सुअर के भ्रूण की आनुवांशिक संरचना का फायदा मिलेगा। इस दौरान उत्पन्न होने वाला जीव दिखने और बर्ताव में सामान्य सुअर जैसा ही होगा, बस उसके एक अंग में इंसानी कोशिकाएं होंगी।

किमेरा भ्रूण निकलेगा

इस परीक्षण के दौरान किमेरा भ्रूण को 28 दिन सुअर का गर्भ खत्म करके बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके बाद इसकी जांच की जाएगी कि यह परीक्षण कितनी हद तक सफल रहा। वहीं इस प्रयोग को लेकर माना जा रहा है कि यह अगर सफल हुआ तो दुनिया में अंग प्रत्यारोपण के लिए मानव अंगों की कमी दूर हो जाएगी। अकेले अमेरिका में ही हर साल करीब 1000 लोगों की मौत अंग प्रत्यारोपण के लिए मानव अंगों की कमी से हो रही है। जब कि दुनिया भर में ये मामले और ज्यादा है। जिससे अमेरिका ने इस दिशा में इसी साल जनवरी में पूरी भूमिका तैयार की थी। इस प्रयोग के जरिये मानव दिल, लिवर और कुछ अन्य प्रमुख अंग बनाने की कोशिश है। जिसमें इस समय कई देशों की नजर हैं।

विरोध भी हो रहा

हालांकि इस दिशा में इससे पहले भी कई प्रयोग हो चुके हैं। जापान में 2010 स्टेम सेल वैज्ञानिक हिरोमित्सु नाकाउची ने डीएनए बदलने का इस तरह का सफल प्रयोग किया था। इसमें उन्होंने चूहों पर अविष्कार किया था। इतना ही नहीं आकंडों पर नजर डाले तो पिछले साल करीब 20 पशुओं पर गर्भावस्था के दौरान ऐसे कई प्रयोग किए गए हैं। जो सफल भी हुए हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक इस प्रयोग को लेकर पशुप्रेमियों और धार्मिक संगठनों का एक वर्ग विरोध भी करता है। उनका कहना है कि यह पशुओं को जबरन आदमी बनाने की प्रक्रिया से कई प्रकार की विकृतियां पैदा हो सकती हैं। इसके आलवा मानव व पशुओं दोनों को ही नुकसान हो सकता है।

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