-ट्रैकिंग दल के सदस्यों ने दी सूचना, त्रिजुगीनारायण के पास देखे कंकाल

-सीएम के निर्देश पर शुक्रवार को रवाना होगी एसडीआरएफ की टीम

देहरादून

2013 की केदार घाटी आपदा के जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं। बुधवार को त्रिजुगीनारायण गांव से केदारनाथ पैदल रूट से गए माउंटेनियर्स एंड ट्रैकर एस्सोसिएशन (माटा) के कुछ सदस्यों को इस रास्ते में करीब दर्जनभर नरकंकाल दिखे हैं। ये सभी कंकाल 2013 आपदा के दौरान मृत व्यक्तियों के माने जा रहे हैं। माटा के सदस्यों द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर पुलिस और माटा की एक संयुक्त टीम केदारनाथ भेजी जा रही है। डीजीपी एमए गणपति ने बताया कि इस पूरे मामले की जिम्मेदारी आईजी संजय गुंज्याल को सौंपी गई है।

भटके ट्रैकर्स ने दी सूचना

माटा के अध्यक्ष मनोज रावत ने बताया कि दरअसल, तीन अक्टूबर को 'हिटो केदार (चलो केदार)' ट्रैकिंग अभियान के तहत नौ दल विभिन्न रास्तों से केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। इनमें से एक दल रुद्रप्रयाग से करीब 83 किलोमीटर दूर त्रिजुगीनारायण से केदारनाथ गया। इसी दौरान ट्रैकिंग दल पहले शेरसी से मयाली टॉप के रास्ते केदारनाथ के लिए जा रहा था, लेकिन रास्ते में पानी ना होने के कारण ट्रैकिंग दल ने अपना रुख त्रिजुगीनारायण की ओर किया। ट्रैकिंग दल ने जब त्रिजुगीनारायण से केदारनाथ की ओर पैदल सफर शुरू किया तो 9 किमी गोमपुडा स्थान से नर कंकाल मिलने शुरू हो गए।

कपड़ों में लिपटे हैं नरकंकाल

स्थानीय निवासी अशोक सेमवाल ने बताया कि लगभग 10 से 12 किमी ट्रैक में उन्हें कई कंकाल दिखाई दिए हैं। अशोक सेमवाल ने बताया कि कुछ कंकाल कपड़ों के ढके हैं। वहीं ट्रैकिंग दल के दूसरे सदस्य अरुण जमलोकी ने बताया कि त्रिजुगीनारायण से केदारनाथ करीब 27 किमी का सफर है। इस दौरान दल के सदस्यों ने रास्ते में जगह-जगह करीब एक दर्जन नरकंकाल देखे। गुरुवार को माटा के पदाधिकारियों ने अभियान खत्म होने के बाद इस पूरे मामले की एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री हरीश रावत को सौंपी। सीएम रावत ने तुरंत मामले में एसडीआरएफ और माटा की एक संयुक्त टीम इन नर कंकालों के अंतिम संस्कार के लिए भेजने को निर्देशित किया है। आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल ने बाताया कि संयुक्त टीम को तुरंत गोमपोड़ा के लिए भेज दिया गया है।

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अब तक कितने कंकाल मिले

वर्ष संख्या

2013 613

2014 170

2015 27

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एसडीआरएफ की एक टीम नरकंकाल के अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दी गई है। इनका डीएनए भी प्रिजर्व किया जाएगा।

एमए गणपति, डीजीपी उत्तराखंड

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माटा के ट्रैकर्स की एक टीम को दर्जनों नर कंकाल त्रिजुगीनारायण के रास्ते में मिले थे। जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई थी।

मनोज रावत, अध्यक्ष माऊटेनियर्स एंड ट्रैकर एस्सोसिएशन (माटा) उतराखंड