-मानव तस्करी के जरिए हर महीने अरब देशों को भेजी जा रही हैं बड़ी संख्या में लड़कियां

-नेपाल, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश की लड़कियों को झोंका जा रहा देह व्यापार जैसे धंधे

-नेपाल की 47 लड़कियों के ग्रुप को एयरलाइंस ने नहीं दी शारजाह जाने की अनुमति

- यात्रा रद करने पीछे अनवैलिड वीजा को बताया कारण, मानव तस्करी के संदेह पर खुफिया के कान खड़े

VARANASI

बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट ह्यूमन टै्रफिकिंग का सेंटर बनता जा रहा है। यहां से हर महीने बड़ी संख्या में लड़कियों को अरब देशों में भेजा जा रहा है। जहां उन्हें देह व्यापार जैसे गलत कामों में झोंक दिया जा रहा है। ऐसा इंटेलिजेंस की रिपोर्ट कह रही है। इसी के आधार पर शनिवार शनिवार की शाम एयर इंडिया के विमान से शारजाह जाने को तैयार नेपाली मूल की ब्7 लडकियों को यात्रा करने से रोक दिया गया। हालाकि एयरलाइंस इस कार्रवाई की वजह पैसेंजर्स का अनवैलिड वीजा होना वजह बता रही है। यात्रा रद होने के बाद लड़कियों का दल शहर की ओर रवाना हो गया। पूरे मामले की जानकारी इंटेलिजेंस को दे दी गयी है। वो अपने स्तर से मामले की जांच में जुटी है। लड़कियों को ले जा रहे टीम लीडर की कुंडली भी खंगाली जा रही है।

अंतिम समय में लगायी रोक

नेपाली मूल की सभी लड़कियां एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट से शारजाह जाने की तैयारी में थीं। उनके साथ टीम लीडर भी मौजूद था। इमिग्रेशन से पहले चेकिंग के दौरान उनका वीजा चेक हुआ तो उसमें कमियां पायी गयी। साथ ही इतनी संख्या में एक साथ लड़कियों से विदेश जाने के मामले को संदिग्ध मानते हुए एयरलाइंस के कर्मचारियों ने अपने ऑफिसर को इसकी जानकारी दी। वहां से आदेश मिलने पर सभी युवतियों की बोर्डिग पर रोक लगा दी गयी। एयरपोर्ट पर मौजूद सीआईएसएफ और खुफिया इकाई भी जानकारी के बाद सक्रिय हो गयी।

सेफ जोन बना बनारस

खुफिया की रिपोर्ट को मानें तो

सऊदी में एशियाई मूल की लड़कियों की बड़ी खेप मानव तस्करी के जरिए भेजी जा रही है। पहले इस काम के लिए तस्कर नई दिल्ली एयरपोर्ट का इस्तेमाल करते थे लेकिन वहां सख्ती होने के बाद उन्होंने बनारस का रुख किया। बनारस से शारजाह के लिए डायरेक्ट फ्लाइट होने से उन्हें सुविधा मिली। साथ ही नेपाल बार्डर नजदीक होने से वहां से बनारस तक लड़कियों को लाना आसान है। इस शहर में बड़ी संख्या में टूरिस्ट के आवागमन के चलते इस पर कोई शक भी नहीं करता। लेकिन मानव तस्करों के इस काली करतूत का पता खुफिया को हो गया। वह तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने लगे हैं।

हर महीने हजार

इंटेलिजेंस की मानें तो लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हर रोज ख्भ् से फ्0 की संख्या में पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और नेपाली मूल की लड़कियां गल्फ कंट्री जाती है। महीने भर के आकंड़ों पर गौर करे तो हजार से क्ख् सौ लड़कियां हर महीने विदेश भेजी जाती है। हालांकि अभी तक मानव तस्करों के गिरोह को नेस्तनाबूत नहीं किया जा सका है। ठोस तथ्य के अभाव का हवाला देकर अधिकारी और संबधित विभाग इस मामले में चुप्पी साध जाते है। जबकि ऐसे मामले में विदेश जाने वाली लड़कियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया जाता। सऊदी जाने के बाद गिनी चुनी लड़कियों की ही वापसी होती है। शेष देह व्यापार जैसी अवैध धंधे में झोंक दी जाती है।

वर्जन

अनवैलिड वीजा होने से लड़कियों के ग्रुप की बोर्डिग रोक दी गयी है। एयरलाइंस नियमों को फॉलो करते हुए यह कार्रवाई की गयी है।

आतिफ इदरिस, स्थानीय प्रबंधक एयर इंडिया