- 26 साल बाद भी कोसी के जलवे बरकरार
- 26 साल का हो गया कोसी
- राजीव गांधी के कार्यकाल में अक्टूबर 1988 में इलाहाबाद को मिला था कोसी
<- ख्म् साल बाद भी कोसी के जलवे बरकरार
- ख्म् साल का हो गया कोसी
- राजीव गांधी के कार्यकाल में अक्टूबर क्988 में इलाहाबाद को मिला था कोसी
balaji.kesharwani@inext.co.in
ALLAHABAD: balaji.kesharwani@inext.co.in
ALLAHABAD: गंगा-यमुना की लहरों पर इठलाते-बलखाते हुए चलती नावों का मजा तो आपने बहुत लिया होगा। पानी के छोटे-मोटे जहाज और स्टीमर को भी देखे होंगे। आज हम आपको देखने में सिंपल और अक्सर अपने इलाहाबाद के सरस्वती घाट के किनारे पर खड़े रहने वाले लेकिन सुख सुविधाओं से लैस ऐसे जहाज की सैर कराते हैं, जिसकी कीमत इस समय क्00 करोड़ से कम नहीं है। ये है इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कोसी जहाज।
सफाई अभियान पर जा रहा था कोसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंगलवार को आईडब्ल्यूएआई डिपार्टमेंट ने सफाई अभियान चलाने का निर्णय लिया। टीम के सदस्य कोसी जहाज से सफाई के लिए संगम की ओर जाने लगे तो आईनेक्स्ट रिपोर्टर भी जहाज पर चढ़ गया। तब जा कर पता चला कि जिसे लोग स्टीमर समझते हैं, वो स्टीमर नहीं, बल्कि छोटा जहाज है।
हॉलैंड ने इलाहाबाद को किया था गिफ्ट
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इलाहाबाद को जलमार्ग के जरिये पश्चिम बंगाल से जोड़ने के लिए हल्दिया टू इलाहाबाद नेशनल वाटरवे का सर्वे कराया था। जिसके बाद नेशनल वाटरवे घोषित करने के साथ ही पाइलट प्रोजेक्ट चलाया गया। पाइलट प्रोजेक्ट के तहत ही हॉलैंड ने क्988 में इलाहाबाद को ये जहाज गिफ्ट किया था।
देखने में स्टीमर जैसा
सामान्य स्टीमर की तरह दिखने वाला ये कोसी जहाज सारी सुख सुविधाओं से लैस है। जहाज के ऊपरी हिस्से में जहां एक एयर कूल्ड हॉल है। वहीं सीढि़यों से नीचे उतरते ही एक छोटा सा घर बना हुआ है। जिसमें आठ लोगों के सोने के लिए वेल मेंटेन बेड लगा है। लैट्रिन-बाथरूम के साथ ही किचन भी है।
आईडब्ल्यूएआई के पास है फाइव स्टार जहाज
ये तो एक सिंपल सा जहाज है। जिसमें एक सामान्य होटल की तरह सुविधाएं मौजूद हैं। लेकिन आईडब्ल्यूएआई के पास फाइव स्टार होटलों की तरह सुविधा वाले कई जहाज हैं। अगर नेशनल वाटरवे-क् पर जल परिवहन के साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जहाज चलाया जाए तो यहां आने वाले टूरिस्टों के लिए प्रयाग की लहरों पर एक नया रोमांच मिल सकता है।
कोसी की खासियत-
- अप में क्भ् किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार
- डाउन में ख्भ् किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार आज भी है बरकरार
- कोसी में लगे हैं क्ब्7-क्ब्7 हार्स पॉवर के दो इंजन
- ख्भ् केवीए का जनरेटर, जिससे पूरे जहाज में सप्लाई होती है इलेक्ट्रिक
- फ्रीज, एसी, कम्प्यूटर, टीवी, लाइट, पंखा, हीटर के लिए मिलती है बिजली
- कोसी की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये जहाज 0.8 मीटर डेप्थ यानी गंगा-यमुना में एक मीटर से भी कम पानी होने पर भी आराम से चल सकता है
- जहाज का वजन म्फ्.भ्8 टन है